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3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 25 लाख किसानों से होगी धान खरीदी, 15 नवंबर से शुरू होगी प्रक्रिया

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों से समर्थन म...




रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर अहम निर्णय लिया गया। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी की जाएगी। यह खरीदी 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी।

धान खरीदी में पारदर्शिता और सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष कई नई पहलें की गई हैं। “टोकन तुंहर हाथ” मोबाइल एप के जरिए किसानों को ऑनलाइन टोकन सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें समितियों में लंबी कतारों से राहत मिलेगी। खरीदी के बाद किसानों को 6 से 7 दिनों के भीतर भुगतान किया जाएगा।

ई-केवाईसी और डिजिटल क्रॉप सर्वे अनिवार्य
धान खरीदी में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-केवाईसी और कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन अनिवार्य किया गया है। यह पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक किया जा सकेगा। राज्य के 23 लाख हेक्टेयर रकबे में डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा किया गया है, जिससे धान के रकबे का निर्धारण अब पूरी तरह ऑनलाइन होगा।

प्रदेश के 20 हजार ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी डेटा ग्राम सभाओं में पढ़कर सुनाया जा रहा है, ताकि किसानों को सही जानकारी मिल सके।

ऑनलाइन टोकन और बायोमैट्रिक खरीदी व्यवस्था
किसानों की सुविधा के लिए ‘टोकन तुंहर हाथ’ मोबाइल एप से किसान अपनी सुविधानुसार दिन तय कर टोकन प्राप्त कर सकेंगे। खरीदी केवल वास्तविक किसानों से सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा।

2739 खरीदी केंद्रों पर होगी खरीदी
प्रदेशभर में 2739 खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी की जाएगी। समितियों को खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में यदि शून्य सुखत आता है, तो उन्हें 5 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

धान खरीदी के लिए आवश्यकतानुसार नए और पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, खाद्य विभाग भारत सरकार ने राज्य के लिए 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य निर्धारित किया है।

धान के रिसाइक्लिंग पर निगरानी के लिए नियंत्रण केंद्र
धान के व्यपवर्तन और रिसाइक्लिंग रोकने के लिए पहली बार इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना मार्कफेड कार्यालय रायपुर में की जाएगी। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।

बेहतर मॉनिटरिंग के लिए कलेक्टर स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केंद्र प्रभारी बनाया जाएगा। सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक रोकने के लिए विशेष जांच दल भी गठित किए जाएंगे।

धान के उठाव और परिवहन व्यवस्था में मितव्ययता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मंत्रिपरिषद ने कहा है कि खरीदी व्यवस्था इस बार अधिक सशक्त, पारदर्शी और किसान हितैषी होगी।

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