Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Monday, June 2

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्तीसगढ़ में नया दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू

  

 छोटे दुकानदारों को मिलेगी राहत

श्रम विभाग ने जारी किया आदेश

दुकानों और स्थापनाओं का पंजीयन, अब श्रम विभाग करेगा

रायपुर  । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है। श्रम विभाग के अनुसार, नया अधिनियम पूरे राज्य में लागू होगा, जबकि पुराना अधिनियम केवल नगरीय निकाय क्षेत्रों में प्रभावी था। इस बदलाव से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि नया कानून केवल 10 या अधिक कर्मचारियों वाली दुकानों और स्थापनाओं पर ही लागू होगा। पहले, बिना किसी कर्मचारी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं।

नए नियमों के तहत, दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है। न्यूनतम शुल्क 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये होगा। पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था। श्रम विभाग ने स्पष्ट किया है कि नए अधिनियम के लागू होने के 6 महीने के भीतर सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in  के माध्यम से ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी।

कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि में पहले से पंजीकृत दुकानें नए अधिनियम में स्वतः शामिल होंगी। पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा।

पुरानी व्यवस्था में दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था। अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं, बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए। नई व्यवस्था के तहत, कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा। सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे। हर साल 15 फरवरी तक सभी दुकान एवं स्थापनाओं को अपने कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है, जिससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा। निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे।

 पहले दुकान और स्थापनाओं का पंजीयन कार्य नगरीय निकायों द्वारा किया जाता था। अब 13 फरवरी 2025 की अधिसूचना के अनुसार यह कार्य श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा। नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा।

No comments

हमारी सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध: मुख्य...

मुख्यमंत्री ने दुधारू पशु प्रदाय योजना का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भगवान गौतम बुद्ध की पूजा-अ...

छत्तीसगढ़ के विकास में देवांगन समाज की महत्वपूर्ण भूमिका: मुख...

मुख्यमंत्री ने भोंगापाल में बांस नौका विहार केंद्र का किया श...

चन्द्रनाहू कुर्मी क्षत्रीय समाज के केन्द्रीय महाधिवेशन में श...

छत्तीसगढ़ में होगी शिक्षकों की भर्ती, प्रथम चरण में 5,000 पदो...

‘विकसित छत्तीसगढ़’ के रोडमैप पर रखें फोकस : मुख्यमंत्री विष्ण...

मोदी ने दी मध्यप्रदेश को कई सौगातें, इंदौर मेट्रो हुई शुरु

आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन है सिंदूर…