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राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनान्तर्गत इकाई स्थापित करने मिली मदद

   गोपालक शत्रुहन दूध व्यवसाय से बना एक सफल उद्यमी महासमुंद । गोपालक श्री शत्रुहन साहू कांपा गांव का रहने वाला है। उसका परिवार गाय पालन ...

  

गोपालक शत्रुहन दूध व्यवसाय से बना एक सफल उद्यमी

महासमुंद । गोपालक श्री शत्रुहन साहू कांपा गांव का रहने वाला है। उसका परिवार गाय पालन करके दूध व्यवसाय से अब बेहतर जीवन यापन कर रहे हैं। पहले वह खेती किसानी का काम करते थे। किन्तु सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण फसल उत्पादन अपेक्षाकृत कम था। इस कारण गोपालक के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी और उन्हें अपने ग्रामीण क्षेत्र में अच्छे काम की तलाश थी। तभी उनकी मुलाकात पशुधन विकास विभाग के अधिकारी से हुई। उन्होंने खेती किसानी के साथ अतिरिक्त आमदनी के लिए दूध उत्पादन कर डेयरी व्यवसाय करने की सलाह दी। जिससे प्रोत्साहित होकर श्री शत्रुहन साहू ने इस क्षेत्र में कदम रखा। मात्र दो दुधारू गाय से अपने व्यवसाय की शुरुआत की। प्रारंभ में उन्हें 20 हजार रुपए की आय हुई। अब शत्रुहन इस व्यवसाय को समझ चुके थे। वर्ष 2021-22 में पशुधन विभाग द्वारा राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनान्तर्गत उनको 1 यूनिट डेयरी इकाई की स्वीकृति प्रदाय की गई। वह गायों की देखभाल करने और उनका उचित आहार और रखरखाव करने में ध्यान देने वाले ग्रामीण लोगों से संपर्क करने लगा। उन्होंने पशु विभाग और गौशाला संगठन से सहयोग प्राप्त किया और गौशाला में रहने वाले गायों की देखभाल आदि के बारे में जाना। धीरे-धीरे, गोपालक ने अच्छी देशी गायों का एक समूह इकट्ठा किया और उनका उचित देखभाल करने लगा। इस नई प्रक्रिया के फलस्वरूप, गायों का प्रोडक्टिविटी और दूध की मात्रा में सुधार हुआ। उन्होंने यह देखा कि गौशाला में रहने वाली गायें स्वस्थ थी और उनका दूध बेहतर गुणवत्ता वाला होता था। अब गोपालक के पास एक उचित दूध स्त्रोत था, जिसे वह अपने ग्रामीण क्षेत्र में बेच सकता था। उसने अपने दूध को शुद्धता और गुणवत्ता के आधार पर प्रमाणित किया और इसे अच्छी मूल्य पर बेचने के लिए ग्रामीण और शहरी ग्राहकों के बीच एक नेटवर्क बनाया। गोपालक ने अपने दूध व्यवसाय को विस्तारित किया और दूध उत्पादन के साथ-साथ उसे संयंत्रित ढंग से बेचने के लिए एक प्रक्रिया भी विकसित की। इससे उनकी आय में वृद्धि हुई और वे एक सफल उद्यमी बन गए। धीरे-धीरे, गोपालक के दूध व्यवसाय ने मजबूती प्राप्त की और उसकी आर्थिक स्थिति सुधरी। वे अपने परिवार को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हो गया। उसने अपनी गायों के लिए औचित्य बढ़ाने का काम किया और अन्य स्थानों में अपने दूध जिससे आज वर्तमान में श्री शत्रुहन साहू प्रतिवर्ष 3 लाख रूपए तक वार्षिक आय अर्जित कर रहे है। वे शुरुवात में प्रतिदिन 5 लीटर दूध बेचा करते थे जो की अब 30 लीटर दूध प्रतिदिन 40 रुपए प्रति लीटर की दर से स्थानीय होटलों में बेचते हैं, जिसमें प्रतिलीटर 10 से 15 रूपए का उनको शुद्ध मुनाफा अर्जित हो रहा है, वे अपने दूध में किसी भी प्रकार का मिलावट नहीं करते हैं, जिससे ग्राहक उनसे काफी संतुष्ट है। श्री शत्रुहन साहू द्वारा विभाग द्वारा प्रदाय किए जा रहे सुविधाओ तथा मार्गदर्शन की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए विभाग एवं छत्तीसगढ़ शासन के प्रति कृतज्ञता अर्पित की है।

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