रायपुर । लगातार संघर्ष व्यक्ति को थका देता है, लेकिन राजधानी के धरनास्थल पर 119 दिनों से बैठीं दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों का साहस नि...
रायपुर । लगातार संघर्ष व्यक्ति को थका देता है, लेकिन राजधानी के धरनास्थल पर 119 दिनों से बैठीं दिवंगत शिक्षाकर्मियों की पत्नियों का साहस नित्य बढ़ते जा रहा है। इनके संघर्ष और साहस की झलक देखिए। बीते वर्ष के 20 अक्टूबर से लगभग 35, 40 की संख्या में ये आंदोलन पर बैठी हैं। कभी नारे तो कभी मूक प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बातें कह रहीं हैं। थक जाती हैं तब वहीं सो जाती हैं। लंबे संघर्ष के लिए मन को दृढ़ करने के लिए रात्रि में देवी के भजनों का सामूहिक गान भी करती हैं। लंबे आंदोलन में ऐसा संकट आया कि भोजन तक के लिए पैसे नहीं रहे तब हार मानकर लौटने की अपेक्षा इन्होंने दिन में धरनास्थल पर ही दान पेटी लगा दिया। यहां दान में मिले पैसों से रात्रि के भोजन का प्रबंध किया जाता है।
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