सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों में 40 ठिकानों पर छापेमारी नई दिल्ली / रायपुर | 1 जून 2025 देश की सबसे बड़ी जांच एजेंस...
सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों में 40 ठिकानों पर छापेमारी
नई दिल्ली / रायपुर | 1 जून 2025
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों का भंडाफोड़ करते हुए तीन डॉक्टरों समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के दौरान अनुकूल रिपोर्ट देने के बदले मोटी रिश्वत ली। सीबीआई ने छत्तीसगढ़, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्यप्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया।
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च से जुड़ा है। सीबीआई को इनपुट मिला था कि इस संस्थान के कुछ पदाधिकारी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अब नेशनल मेडिकल कमीशन) द्वारा नियुक्त निरीक्षण अधिकारियों को प्रभावित कर, पैसे के बदले अनुकूल रिपोर्ट दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
जैसे ही सीबीआई ने तथ्यों की पुष्टि की, एक सुनियोजित योजना के तहत जाल बिछाया गया और छह लोगों को रिश्वत की राशि का लेनदेन करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन डॉक्टर भी शामिल हैं, जो मेडिकल कॉलेजों की निरीक्षण टीम में बतौर मूल्यांकनकर्ता (असेसर) शामिल थे। गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित राज्यों की अदालतों में पेश किया जा रहा है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आरोपी कई मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में अनियमित तरीके से अनुकूल रिपोर्ट देकर संस्थानों को फायदा पहुंचाते थे। इसके एवज में लाखों रुपये की रिश्वत वसूली जाती थी। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में यह गंभीर भ्रष्टाचार का मामला है, जिससे देश की चिकित्सा व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े होते हैं।
छापेमारी की कार्रवाई छह राज्यों में फैली
सीबीआई ने इस मामले में कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में एक साथ दबिश दी। जांच एजेंसी की टीमें सुबह से ही सक्रिय हो गई थीं और दिनभर चली कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और लेनदेन से संबंधित अहम साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
अलग-अलग तरीकों से निरीक्षण प्रक्रिया में की गई हेरफेर
सीबीआई की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी निरीक्षण टीम में शामिल डॉक्टरों को प्रभावित कर अनुकूल रिपोर्ट दिलवाने के लिए अलग-अलग ‘मोडस ऑपरेंडी’ (कार्यप्रणालियों) का इस्तेमाल करते थे। कभी नकद भुगतान, तो कभी रिहायशी सुविधा या अन्य लाभ देकर डॉक्टरों को फंसाया जाता था। रिपोर्ट में कॉलेज के संसाधन, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि को जरूरत से ज्यादा दर्शाया जाता था, जिससे संस्थान को नेशनल मेडिकल कमीशन से मान्यता मिल सके।
जांच एजेंसी ने कहा- गहराई से की जा रही पड़ताल
सीबीआई ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया है। जांच एजेंसी का कहना है कि वह मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में इस तरह की भ्रष्ट गतिविधियों पर सख्त नजर रखे हुए है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर और भी संस्थानों या व्यक्तियों की भूमिका सामने आने की संभावना है।
देशभर में मेडिकल शिक्षा की साख पर सवाल
इस मामले ने देशभर में मेडिकल शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह से निरीक्षण प्रक्रिया को पैसे और प्रभाव के दम पर प्रभावित किया गया, वह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि लाखों छात्रों और आम जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता एक बेहद संवेदनशील और पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए, क्योंकि इससे निकलकर भविष्य के डॉक्टर तैयार होते हैं। यदि इस प्रक्रिया में ही भ्रष्टाचार होगा, तो चिकित्सा शिक्षा और सेवा दोनों पर संकट खड़ा हो सकता है।
आगे की कार्रवाई में और गिरफ्तारियां संभव
सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि यह मामला केवल एक कॉलेज या कुछ व्यक्तियों तक सीमित नहीं है। प्रारंभिक जांच में कई मेडिकल कॉलेजों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें समय-समय पर इन्हीं आरोपियों द्वारा अनुकूल रिपोर्ट दिलाई गई थी। जांच एजेंसी का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह हो सकता है, जो देशभर में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया को अवैध रूप से प्रभावित कर रहा था।
जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे तथा गिरफ्तारियां हो सकती हैं। सीबीआई ने सभी मेडिकल कॉलेजों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि कोई संस्थान इस प्रकार के भ्रष्टाचार में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
(यह समाचार सीबीआई द्वारा जारी आधिकारिक सूचना पर आधारित है)
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