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मां की आंखों के सामने डेढ़ साल की मासूम खेलते-खेलते तीसरी मंजिल से गिरी, आधे घंटे बाद दम तोड़ा

abernews भोपाल में डेढ़ साल की मासूम खेलते-खेलते मां की आंखों के सामने तीसरी मंजिल की छत से गिर गई। गंभीर हालत में माता-पिता उसे अस्पताल ले ग...


abernews भोपाल में डेढ़ साल की मासूम खेलते-खेलते मां की आंखों के सामने तीसरी मंजिल की छत से गिर गई। गंभीर हालत में माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान मासूम ने 30 घंटे तक मौत से लड़ने के बाद दम तोड़ दिया। पुलिस ने परिजनों की गुहार पर मासूम का पोस्टमार्टम नहीं कराया। बीते एक सप्ताह में बच्चे का छत से गिरने का यह दूसरा मामला है।

शाहपुरा पुलिस के अनुसार धनीराम यादव वावड़िया कला स्थित मारुति सहयोग कॉम्प्लेक्स? में सिक्योरिटी गार्ड हैं। वे बिल्डिंग की ही तीसरी मंजिल पर बने सर्वेंट क्वार्टर में अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब पौने तीन बजे वे बिल्डिंग के नीचे काम कर रहे थे। उनके साथ उनका 5 साल का बड़ा बेटा भी था। ऊपर उनकी पत्नी और डेढ़ साल की आकांक्षा थी। पत्नी कपड़े धोने लगी, जबकि आकांक्षा वहीं खेल रही थी। खेलते-खेलते वह रेलिंग तक पहुंच गई। मां ने उसे देखा और बच्ची की तरफ जाने लगी। तभी आकांक्षा लड़खड़ाते हुए रेलिंग से नीचे गिरने लगी।

मां उसे बचाने के लिए दौड़ी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। नीचे गिरने से आकांक्षा गंभीर रूप से घायल हो गई। बदहवास हालत में माता-पिता मासूम को लेकर प्राइवेट अस्पताल पहुंचे। जहां 30 घंटे बाद मासूम जिंदगी की जंग हार गई।

नहीं कराया पोस्टमार्टम

घटना की सूचना शाहपुरा पुलिस को शुक्रवार रात करीब 11 बजे अस्पताल से मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर ली, लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।

बच्ची के माता-पिता का कहना था कि उन्हें किसी तरह की कोई आशंका या शंका नहीं है। वह अपनी बेटी का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते। पुलिस ने डॉक्टरों से बात करने के बाद परिजनों के बयान लिए और फिर शव परिजनों को बिना पोस्टमार्टम कराए ही सौंप दिया।


इसका विशेष ध्यान रखें

पुलिस का कहना है कि बच्चे चंचल होते हैं और जिज्ञासा में इधर-उधर चले जाते हैं। ऐसे में उन पर खास नजर रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा घर या छत पर रेलिंग ऊंची बनानी चाहिए। जिस पर बच्चे ना चढ़ सकें। साथ ही बच्चों को असुरक्षित जगह पर जाने से रोकना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। मुख्य रूप से घर में पानी से भरकर भी खुला नहीं रखना चाहिए। कई बार बच्चे उसमें डूब जाते हैं।

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