योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा राज्य सरकार ने कृषि में पर्याप्त निवेश और कास्त लागत में राहत देने प्रारंभ किये हैं ‘कृषि उन...
योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा
राज्य सरकार ने कृषि में पर्याप्त निवेश और कास्त लागत में राहत देने प्रारंभ किये हैं ‘कृषि उन्नति योजना‘
प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहाकारी संस्थाएं को जारी किया पत्र
रायपुर
। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की चिंता करते हुए कृषि उन्नति योजना
के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय महानदी
स्थित कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक्तों, संचालकांे, प्रबंध संचालकों एवं
पंजीयक सहाकारी संस्थाएं रायपुर को पत्र लिखकर कृषि उन्नति योजना के
क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश किए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के आधार पर
योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
मंत्रालय द्वारा
जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने
से मौसमी प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में
अनिश्चितता बनी रहती है, फलस्वरुप कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान
जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में
पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते।
राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त
निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने के लिये कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की
गई है। साथ ही फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के
क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्म निर्भरता के लक्ष्य के साथ इस
योजना के तहत चिन्हित अन्य फसलों पर भी आदान सहायता राशि दिये जाने का
निर्णय लिया गया है।
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं
कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो।
जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक
कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि धान
अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान
पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाये हो तथा प्रदेश की
सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में
धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा
खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी)
एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो।
पत्र में कहा गया कि
विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट/मण्डल/प्राईवेट लिमि. समिति/केन्द्र एवं
राज्य शासन के संस्थान / महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की
पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं
और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते हैं, उनके द्वारा कुल
विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक
नहीं होना चाहिये, इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. (मार्कफेड)
एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से
सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि
सिलिंग कानून के प्रावधानांे के अध्याधीन किया जाएगा।
पत्र में
कहा गया कि कृषकों को भुगतान योजनांतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक
खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से की जाएगी।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि, (बीज
निगम) को धान/धान बीज का विक्रय करने वाले कृषकों को आदान सहायता राशि का
निर्धारण गिरदावरी में सत्यापित रकबे, उपरोक्त संस्थाओं को विक्रय धान/धान
बीज की मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले
न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर प्रतिवर्ष पृथक से किया जाएगा।
खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कॉमन)
पर राशि रू. 731 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम राशि रूपये. 15351 प्रति
एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि रूपये. 711 प्रति क्विं. की दर से अधिकतम
राशि रूपये. 14931 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया
जाएगा।
विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक
जिन्होंने धान फसल लगाया हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन
मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें, धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु
एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत,
मान्य रकबे पर 11000 रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान
किया जाएगा। खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं
रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा
गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि रूपये 10000 प्रति
एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
पंजीकृत कृषकों
द्वारा खरीफ मौसम में सहकारी समितियों में विक्रय किये गये धान पर
निर्धारित आदान सहायता राशि का कृषकों को वितरण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी
विपणन संघ मर्या. द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता राशि के व्यय से
संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व भी प्रबंध संचालक छ.ग.
राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. का होगा।
बीज उत्पादक कृषकों
द्वारा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमिटेड को विक्रय किये गये धान बीज
पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा
संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि
छत्तीसगढ़ निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। बीज उत्पादक कृषकों से
उपार्जित धान बीज पर प्रदायित आदान सहायता राशि के विस्तृत लेखा-जोखा के
संधारण का दायित्व प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि.
होगा
फसलों हेतु गिरदावरी/सत्यापन के आधार पर पात्रतानुसार आदान
सहायता राशि का वितरण संचालक कृषि के द्वारा किया जाएगा तथा आदान सहायता
राशि के व्यय से संबंधित विस्तृत लेखा-जोखा के संधारण का दायित्व संचालक
कृषि का होगा। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. तथा
प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि. यह सुनिश्चित
करेंगे कि व्यय राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के एक माह
के भीतर संचालक कृषि को प्रेषित किया जाए। कृषकों को पात्रता अनुसार आदान
सहायता राशि का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने की जवाबदारी खाद्य विभाग एवं
संचालक कृषि की होगी, उनके द्वारा नियमित रुप से योजना क्रियान्वयन की
समीक्षा की जाएगी।
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