Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Wednesday, August 20

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

एससीईआरटी में अनोखा आयोजन : अधिकारी और प्राध्यापक बने छात्र

  आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं का विशेष प्रस्तुतीकरण राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हुआ प्रेरणादायक कार्यक्रम रायपुर । राज्य शैक्षिक अनुसंधान एव...

 

आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं का विशेष प्रस्तुतीकरण

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हुआ प्रेरणादायक कार्यक्रम

रायपुर । राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) रायपुर में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब संस्था के उच्च अधिकारी और सहायक प्राध्यापक विज्ञान और गणित विषयों के विशेषज्ञ कक्षा दसवीं के छात्र बने।  जब उन्होंने अंतरिक्ष ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ पर विज्ञान कक्षा अटेंड की और जाना कि खगोल विज्ञान क्या है? 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 चांद पर कैसे लैंड किया? जब भारत के चंद्रायन 3 को लैंड करते हुए फिर से देखा तो सभी भाव विभोर हो गए। सबके मुंह से एक ही आवाज निकली भारत माता की जय। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ’राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ पर छात्रों के साथ मिलकर खगोल विज्ञान की बारीकियों को समझना था।

कार्यक्रम की शुरुआत में एससीईआरटी के डायरेक्टर श्री राजेंद्र कुमार कटारा के निर्देशन में कक्षा 10 के संस्कृत पाठ्यक्रम पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन किया गया, जिसमें डॉ. लुनेश वर्मा ने खगोल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद, भारत सरकार और एनसीईआरटी द्वारा विकसित पोर्टल ’भारत ऑन द मून’ का प्रदर्शन किया गया, जिसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग का वीडियो दिखाया गया। इस अवसर पर इसरो की गतिविधियों और पोर्टल पर उपलब्ध सामग्री की जानकारी भी दी गई।

कार्यक्रम में उपस्थित एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक श्री जे.पी. रथ ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसरो की उपलब्धियों के पीछे हमारे गुरुओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी विज्ञान और गणित के शिक्षकों को इस आयोजन के लिए बधाई दी।
साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. चितरंजन कर ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर चर्चा की और कहा कि हमारे पास समृद्ध ज्ञान है, जिसके लिए प्रयोगशालाओं की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने विज्ञान और साहित्य के आपसी संबंधों पर भी जोर दिया।

कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक श्री के.के. शुक्ला ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला, जो चंद्रमा के 14 दिनों के उजाले में की गई थी। एससीईआरटी में यह आयोजन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि भारत की वैज्ञानिक उन्नति और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में हमारी प्रगति को भी दर्शाता है।

इस आयोजन में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडेय, एससीईआरटी के संकाय सदस्य और सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आए गणित और रसायन शास्त्र के 100 से अधिक विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

No comments

सीजी-रेरा ने लागू की वॉलन्टरी कॉम्प्लायंस स्कीम, सितंबर तक म...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की पार...

छत्तीसगढ़ की जनजातियों पर शोध और अनुसंधान की राह खुली

राज्यपाल डेका ने दिलाई तीन मंत्रियों को शपथ

मुख्यमंत्री साय ने गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब एवं राजे...

प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए सरक...

कम स्टॉक वालें जिलों में प्राथमिकता के साथ यूरिया खाद के उपल...

बलौदाबाजार जिले को मिली 78.25 करोड़ रूपए की सौगात

जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी में खेलो छत्तीसगढ़ ज्ञान की परीक्...

पीएम जनमन आवास योजना से पूरा हुआ सपना, पहारू राम ने कहा: नए ...