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मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल शुरू

जशपुर जिले में 91 लाख 98 हजार की लागत से बनी एकलव्य खेल अकादमी, तीरंदाजी छात्रों को पढ़ाई के साथ उनके खेल हुनर को तराशने के लिए बेहतर सुविधाओ...

जशपुर जिले में 91 लाख 98 हजार की लागत से बनी एकलव्य खेल अकादमी, तीरंदाजी
छात्रों को पढ़ाई के साथ उनके खेल हुनर को तराशने के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण भी
विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के प्रतिभावान स्कूली खिलाड़ियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत विगत चार वर्षों के दौरान स्थापित विभिन्न खेल अकादमियों ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस दरम्यान आए कोरोना संकट के बावजूद राज्य में नयी खेल अकादमियों की स्थापना की तैयारियां एवं खेल-गतिविधियां निरंतर चलती रही हैं। जब राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नयी सरकार बनी तब खेल-कूद के क्षेत्र में अपनी प्राथमिकताएं तय करने हुए शासन ने राज्य में खेल संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी तरह की विश्वस्तरीय अधोसंरचना के निर्माण का वादा किया था। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के जशपुर प्रवास के दौरान जशपुर में भी 91 लाख 98 हजार की लागत से एकलव्य खेल अकादमी तीरंदाजी केन्द्र की घोषणा की गई थी। जिला प्रशासन के सार्थक पहल से मुख्यमंत्री के घोषणा पर अमल किया गया है। जिले के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के प्रतिभावान छात्रों की प्रतिभा को निखारने एवं उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए रंजीता स्टेडियम के परिसर में तीरंदाजी केन्द्र एवं एकलव्य खेल अकादमी का संचालन किया जा रहा है। जहां चयनित बच्चों को अध्ययन, प्रशिक्षण एवं आवास की निःशुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है।
अकादमी में तीरंदाजी, ताईक्वांडो और तैराकी के 10-10 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहाड़ी और दूरस्थ अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समूह के बच्चों के चयन को प्राथमिकता दी गई है। उल्लेखनीय है कि संस्थान में तीरंदाजी, ताइक्वांडो एवं तैराकी विधा शामिल हैं। जिसके अंतर्गत कुल 30 छात्रों का चयन हुआ है। खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने के लिए अकादमियों में अच्छी खेल अधोसंरचनाओं के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षकों की तैनाती भी की गई है। इन दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के पहाड़ी कोरवा छात्रों को ओलंपिक, कॉमनवेल्थ एवं राष्ट्रीय खेल जैसे अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतिस्पर्धाओं में अच्छे प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध खेल प्रशिक्षकों के माध्यम से भी प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है।
खेलों के विकास में उद्योगों से भी सहयोग
वर्ष 2019 के बाद से राज्य शासन द्वारा खेल-विभाग के माध्यम से खेल अकादमियों की स्थापना, अधोसंरचना तथा बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के अंतर्गत राज्य में उद्योग समूहों के माध्यम से भी कई खेल अकादमियां शुरू की जा रही हैं। जिंदल उद्योग समूह द्वारा रायपुर में शूटिंग अकादमी,  बीएसपी द्वारा नारायणपुर में मलखम्ब अकादमी, गोपाल स्पंज एवं फिल इस्पात द्वारा बिलासपुर कबड्डी अकादमी तथा कोरबा में फुटबॉल, तैराकी, बास्केटबॉल, बालीबॉल की अकादमी का बाल्को के सहयोग से संचालन किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा खेल अकादमियों में शैक्षणिक व्यय, भोजन, आवास, खेल परिधान, आधुनिक प्रशिक्षण, बीमा, डाइट आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

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