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भ्रम, भ्रामक और भ्रमवाणी के सहारे चल रही प्रदेश की सरकार : कौशिक


प्रदेश सरकार की वादे और इरादे दोनों अलग-अलग

धान के पर नाम किसानों को छला जा रहा है

aber news रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि  सत्ता के पाने के नाम पर कांग्रेस हमेशा छत्तीसगढ़ की जनता को छला है। विधान सभा चुनाव 2018 के पूर्व कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की जनता को भ्रमित कर सत्ता में पाने में सफल जरूरी हुई है लेकिन इस सरकार की समाज के किसी वर्ग से कोई सरोकार नही रहा है। सत्ता प्राप्ति के लिये कई लोक लुभावने वायदों का जो झूठा पुलिंदा तैयार कर किया था। 

उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की चिंता करने के नाम कांग्रेस से सत्ता में आने से भ्रम,भ्रामक और भ्रमवाणी क सहारा लिया था और किसानों को छल सत्ता में काबिज होने सफल हुई लेकिन किसानों से धान खरीदी रूपये 2500 प्रति क्विंटल दर से भुगतान किये जाने वादा भी किया था। किसानों ने कांग्रेस को भरोसे के साथ सत्ता सौपा था। सत्ता मिलते ही कांग्रेस ने अपने चरित्र के अनुसार किसानों के उम्मीदों पर पानी  फेरते हुए केवल सत्ता के आनंद में मस्त है।

नेता प्रतिपक्ष  कौशिक ने कहा कि किसानों को धान का  2500 प्रति क्विंटल न दिया जाये, इसके लिए तरह-तरह के प्रपंच व बहानेबाजी करने लगी हुई है। जब प्रदेश सरकार को वादा निभाने का समय आया तो  रकबा कौटती के नाम,  तो कभी मेड कौटती के नाम एवं कभी पम्प हाउस के कटौती के नाम पर  बहाने तलाश कर   धान का मूल्य 2500 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान नहीं कर रही है। इस सरकार में मानो एक मंत्रालय ऐसे बन गया हो जो नीत नवीन बहाने खोजने का काम करता है। 

 

 उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा धान रूपये 2500 प्रति क्विंटल की दर से खरीदी किया गया। इसके पश्चात् वर्ष 2019 में केन्द्र सरकार के द्वारा एमएसपी की दर में रूपये 65 प्रति की दर से वृद्वि करते हुये दर रूपये 1815 व 1835 प्रति क्विंटल नवीन बढ़ी हुई जारी की , परन्तु प्रदेश की किसान विरोधी सरकार ने अपने दर में कोई वृद्वि न करते हुए उल्टा कार्य करते हुये निर्धारित दर को कम कर दिया गया। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दर पर धान खरीदी करते हुए अंतर की राशि दिये जाने हेतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना बनाते हुये अंतर की राशि प्रति एकड़ 15 क्विटल के हिसाब से  10000 रूपये  की दर से भुगतान किश्तों में किया जा रहा है।  वहीं अंतर की राशि (2500-1815) रूपये 685/- दिया जाना था परंतु लगभग रूपये 666/- की दर से अंतर की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जबकि वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई दर को सम्मिलित करते हुये धान की खरीदी रूपये 2565 प्रति क्विंटल की दर से करना चाहिये था। इस प्रकार वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के साथ छल करते हुये अपने वादों के विपरित (2565-2481) लगभग रूपये 84 प्रति क्विटल कम भुगतान किया गया है।

इसी प्रकार वर्ष 2020 में केन्द्र सरकार द्वारा पुनः धान खरीदी हेतु एमएसपी में रूपये 53 प्रति क्विटल की दर वृद्वि करते हुये 1868 व 1888 प्रति क्विटल नवीन बढ़ी दर निर्धारित की गई। परंतु राज्य सरकार द्वारा पुनः वादा खिलाफी के तहत केन्द्र के सामानान्तर 2500 की दर में कोई वृद्वि नही गई बल्कि पुनः सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ छल किया गया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना बनाते हुये अंतर की राशि प्रति एकड़ 15 क्विटल के हिसाब से रूपये 9,000/- की दर से भुगतान किश्तों में किये जाने की बात कह रही है। इस अंतर की राशि (2500-1868) रूपये 632/- दिया जाना था परंतु लगभग रूपये 600/- की दर से अंतर की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जबकि वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई दर को सम्मिलित करते हुये धान की खरीदी रूपये 2618 प्रति क्विंटल की दर से करना चाहिये था। इस प्रकार वर्ष 2020 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के साथ छल करते हुये अपने वादों के विपरित (2618-2468) लगभग रूपये 150 प्रति क्विंटल कम भुगतान किया गया है। इस प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा प्रति वर्ष बढाई गई  एमएसपी के सामान्तर राशि जो कि किसानों की धान की कमाई है। किसानों को नही दे रही है। 

 उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल धान है और कांग्रेस की सरकार धान को छोड़ अन्य फसलों में रूपये 10,000 प्रति एकड़ की दर प्रदान कर रही है परंतु धान जो के मुख्य फसल है छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन का आधार है धान हेतु रूपये 9,000 प्रति एकड़ प्रदाय कर रही है। कांग्रेस सरकार का यह कृत्य छत्तीसगढ़ के किसानों को दुखी करने वाला है। इस प्रकार धान खरीदी रूपये 2500/- प्रति क्विटल की वादा खिलाफी कांग्रेस सरकार द्वारा लगातार प्रदेश के किसानों के साथ की जा रही है। 

छत्तीसगढ़ की सरकार वास्तव में किसान हितैषी सरकार है तो केन्द्र के द्वारा प्रति वर्ष वृद्वि कर घोषित एमएसपी अनुसार ही छत्तीसगढ़ सरकार की धान खरीदी दर रूपये 2500 प्रति क्विंटल में समानांतर वृद्वि करते हुये वर्ष 2019 हेतु रूपये 2565 प्रति क्विंटल और 2020-21 रूपये 2618 प्रति क्विंटल की दर से किसनों को भुगतान मिलना चाहिये।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि  दर वृद्वि का लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलना ही चाहिये।

केबिनेट बैठक में लिये निर्णय से इस कांग्रेस सरकार का किसान विरोधी चेहरा, चाल-चरित्र एवं कथनी व करनी स्पष्ट दिखाई पड़ता है। कांग्रेस सरकार को अपने इस वादा खिलाफी करने के एवज में छत्तीसगढ़ के किसानों से माफी मंगानी चाहिये।

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