जोशीमठ। चमोली में आई आपदा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। आपदा में ५० से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं अभी भी लाशें मिल रही है। आपदा क...
जोशीमठ। चमोली में आई आपदा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। आपदा में ५० से अधिक लोगों की जान जा चुकी है वहीं अभी भी लाशें मिल रही है। आपदा क्यों आई इसका चौकाने वाले सच सामने आया है। चमोली की ऋषिगंगा में अचानक बाई बाढ़ और फिर उससे मची तबाही के वास्तविक कारणों को जानने के लिए कई एजेंसियां लगी हुई हैं। वैज्ञानिक शोध भी हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर कंपनियां यहां काम करती रही हैं। कंपनियां यहां भारी विस्फोट करतीं थीं और परियोजना निर्माण का मलबा भी ऋषिगंगा में ही डंप किया जाता था। इस कारण भी आपदा का रूप भयावह रहा।
ऋषिगंगा की आपदा में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 204 लोग लापता हुए, जिसमें अभी तक 58 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं अन्य को तलाशने का काम भी जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पर्यावरण के नियमों का पालन किया गया होता तो शायद यह आपदा नहीं आती। स्थानीय निवासी संग्राम सिंह सहित अन्य लोग कहते हैं कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन जल विद्युत परियोजना का निर्माणदायी कंपनियों ने हर स्तर पर मानकों का उल्लंघन किया।
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