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सपाट पैर वालों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता? जानें इसकी वजह

जबलपुर।  हमारे तलवे और हथेलियां सीधे तौर से धन और ताकत से सम्बन्ध रखती हैं। तलवों से व्यक्ति की यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है और ...


जबलपुर। 
हमारे तलवे और हथेलियां सीधे तौर से धन और ताकत से सम्बन्ध रखती हैं। तलवों से व्यक्ति की यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है और तलवों को ठीक रखकर धन की समस्याओं और स्वास्थ्य को भी ठीक किया जा सकता है। जहां हथेलियों के चिह्न साधारण होते हैं, वहीं तलवों के चिह्न बहुत ज्यादा खास होते हैं। सेना में सपाट पैर वाले युवकों को भर्ती केवल इसलिए नहीं करती की उनके पैर चौड़े है बल्कि वो फ्लैट पैर को देखती है।


समतल पैर का अर्थ होता है की पैरों के तलुओं में घुमाव होने के बजाए पूरी तरह समतल होना। ऐसा होने से पैरों में भार वहन करने की क्षमता कम हो जाती है। फ्लैट फुट वाला इंसान ज्यादा तेज भाग नहीं सकता है। दौड़ते समय उनके पैर आपस में लड़ते हैं। तलुओं के बीच में पाया जाने वाला घुमाव स्प्रिंग की तरह काम करता है, इसके न होने पर कमर दर्द की शिकायत भी होती है।


इसमें पैरों में थकान महसूस होती है। इनके लिए दौड़ने, कूदने जैसी गतिविधियों में समस्या आती है। इसके अलावा पैर में दर्द भी होता है। शुरूआत में पैर से दर्द शुरू होता है और फिर घुटनों, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे तक दर्द पहुंच सकता है। इस कारण शरीर के वजन का वितरण असमान हो जाता है, जो बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।


इसलिए दुनिया की कोई भी सेना अपने किसी ऐसे सैनिक की भर्ती नहीं करती जिसे सैन्य सेवा देने में कोई भी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना करना पड़े इसलिए उनको मेडिकल अनफिट कर दिया जाता है।

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