Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Wednesday, July 16

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

कोरोना वैक्सीन: दूसरे चरण में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की बारी

नई दिल्ली। देश में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद कहा जा रहा है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं? जबकि वे जनता के प्रतिनिधि हैं। के...



नई दिल्ली। देश में कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद कहा जा रहा है कि नेता अब तक टीका क्यों नहीं ले रहे हैं? जबकि वे जनता के प्रतिनिधि हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने तीन माह पहले कहा था कि टीका आने के बाद सबसे पहले वह इसका डोज लेंगे, लेकिन 16 जनवरी को दिल्ली एम्स में उन्होंने टीका नहीं लगवाया। इसके पीछे के कारणों को लेकर  प्रयास किया तो पता चला कि प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और सांसद तक दूसरे चरण में कोरोना टीके का डोज ले सकते हैं। अभी कोरोना टीकाकरण का पहला चरण चल रहा है जो कि आगामी अप्रैल तक समाप्त होगा। दूसरे चरण में देश के उन 75 फीसदी सांसद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को टीका दिया जाएगा जिनकी आयु 50 या उससे अधिक है। इनमें से जिन जन प्रतिनिधियों में जीवनशैली से जुड़े रोग उच्च रक्तचाप या फिर मधुमेह इत्यादि रोग अनियंत्रित स्थिति में होंगे उन्हें सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी। पीआरएस विधायी अनुसंधान के अनुसार, लोकसभा में 343 और राज्य सभा में 200 सांसद की आयु 50 या उससे अधिक है। ठीक इसी तरह मोदी सरकार की कैबिनेट में 95 फीसदी मंत्री टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं।
-निर्वाचन क्षेत्र के विशेष अभियान की मिल सकती है जिम्मेदारी
 टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होते ही लोकसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्र तक में विशेष अभियान संचालित किए जा सकते हैं जिनकी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधि पर होगी। जानकारी यह भी है कि सांसद और विधायक अपने अपने कार्यक्षेत्र में जनता के बीच पहुंचकर टीकाकरण में शामिल हो सकते हैं। टीकाकरण की योजना से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि अलग-अलग चरणों की नीति को अंतिम रूप दिया जा चुका है। पहले चरण में किसी भी प्रतिनिधि को टीका नहीं दिया जा सकता है। इसे लेकर पहले ही काफी विचार विमर्श किया जा चुका है जिसके बाद ही यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अगर पहले चरण के दौरान पीएम या सीएम के टीका नहीं लेने पर कोई सवाल करता है तो वह निराधार है।

No comments

अनुशासनहीनता पर बड़ी कार्रवाई, प्रभारी प्राचार्य निलंबित

स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य के सात न...

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025: प्रतिभाशाली बच्चों...

धरती आबा जनभागीदारी अभियान : जनजातीय समाज के हितग्राहियों के...

टैरिफ में न्यूनतम वृद्धि, आपूर्ति में गुणवत्ता — छत्तीसगढ़ म...

ग्राम पंचायतों की सक्रियता और स्वप्रेरित जनभागीदारी से हो रह...

मुख्यमंत्री साय से भारत सरकार में भूमि संसाधन सचिव ने की सौज...

राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ के कोसा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दि...

ऑपरेशन सिन्दूर: भारत की ताकत, संकल्प और वैश्विक नेतृत्व क्षम...

बस्तर के बच्चों का स्वर्णिम भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सर...