रायपुर, 14 अक्टूबर 2025। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) रायपुर में तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव ‘कोलॉसस 2025’ का रविवार को...
रायपुर, 14 अक्टूबर 2025। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) रायपुर में तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव ‘कोलॉसस 2025’ का रविवार को शानदार समापन हुआ। खेल, सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों से भरे इस आयोजन में विद्यार्थियों ने न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया बल्कि टीम भावना और नेतृत्व कौशल का परिचय भी दिया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश, कोलकाता उच्च न्यायालय रहे। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा कि जीवन एक पेंसिल की तरह है — “जो अंदर है वही असली है, निखरने के लिए घिसना पड़ता है, हर निशान मायने रखता है, गलतियाँ सुधारी जा सकती हैं और असली मूल्य उस हाथ में है जो उद्देश्यपूर्ण हो।” उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि असली उपलब्धि प्रमाणपत्रों में नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, टीमवर्क और सीखने की प्रक्रिया में होती है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महानिदेशक पुलिस अरुण देव गौतम ने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को कक्षा से बाहर सीखने का अवसर देते हैं। उन्होंने कहा कि हर भूमिका, हर अनुभव अपने आप में एक शिक्षक है। विद्यार्थियों से उन्होंने जिम्मेदार नागरिक बनने का आह्वान किया।
कुलपति प्रोफेसर वी.सी. विवेकानंदन ने कहा कि “कोलॉसस केवल एक फेस्ट नहीं बल्कि एक दर्शन है, जो सहयोग, सहानुभूति और सम्मान की भावना सिखाता है।” उन्होंने कहा कि खेल धैर्य और अनुशासन सिखाते हैं, सांस्कृतिक गतिविधियाँ विविधता को प्रोत्साहित करती हैं और साहित्य संवाद की कला को निखारता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, “रोइए मत क्योंकि यह खत्म हुआ, मुस्कुराइए क्योंकि यह हुआ।”
आयोजन समिति के कन्वीनर उत्कर्ष सोनी ने बताया कि इस वर्ष 114 से अधिक कॉलेजों ने प्रतियोगिताओं में भाग लिया। आईएमयूएनवाईपी 2025 के सेक्रेटरी हर्ष ने बताया कि इस वर्ष 235 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता मिली है, जो आयोजन की सफलता का प्रमाण है।
समारोह में प्रोफेसर योगेन्द्र श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया। डॉ. अंकित सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया और डॉ. दीपक श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार (इन चार्ज), ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।
प्रतियोगिताओं में कैलिंग यूनिवर्सिटी, डीएसएनएलयू विशाखापट्टनम, एनएलयू ओडिशा, एनआईटी रायपुर और एचएनएलयू की टीमों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
सांस्कृतिक संध्याओं में डी.जे. अर्पित, जस्करन, डॉक्स और बैगी मुंडा के जोशीले प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। संगीत, रोशनी और उत्साह से सराबोर एचएनएलयू परिसर तीन दिनों तक उल्लास का केंद्र बना रहा।
‘कोलॉसस 2025’ ने एचएनएलयू की रचनात्मकता, ऊर्जा और समावेशी संस्कृति को नई पहचान दी। इस आयोजन ने प्रतिस्पर्धा, सहयोग और अभिव्यक्ति को एक मंच पर लाते हुए विश्वविद्यालय के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया।
" alt="" />" alt="" />

" alt="" />" alt="" />
" alt="" />" alt="" />
No comments