0-पुरखों के कठिन संघर्ष और बलिदान से मिली आजादी 0-अन्नदाताओं के खाते में धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर 49 हजार करोड़ रूपए की राशि अंतरित 0-...
0-पुरखों के कठिन संघर्ष और बलिदान से मिली आजादी
0-अन्नदाताओं के खाते में धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर 49 हजार करोड़ रूपए की राशि अंतरित
0-महतारी वंदन योजना से प्रदेश में महिलाएं हो रहीं सशक्त
0-तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में वृद्धि से संग्राहकों को हो रहा लाभ
0-स्कूलों की अधोसंरचना बेहतर बनाने पीएमश्री योजना के तहत 211 स्कूलों को बनाया जा रहा मॉडल
0-छत्तीसगढ़ के 77 लाख परिवारों को 5 लाख रूपए तक नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का मिल रहा लाभ
0-राज्य के 68 लाख परिवारों को मिल रहा है नि:शुल्क राशन
रायपुर-मुख्यमंत्री
श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाने के संकल्प में छत्तीसगढ़ प्रभावी
भूमिका अदा कर रहा है। हमारी सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर
राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है। उन्होंने
राज्य की जनता को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए
कहा कि हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी मिली है।
आजादी के लिए हमारे पुरखों ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के विरूद्ध लंबा
संघर्ष किया। उनके बलिदान और संघर्षों के फलस्वरूप मिली आजादी को हमें
अक्षुण बनाए रखना है। लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री
श्री साय आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में स्वतंत्रता दिवस
मुख्य समारोह में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश के
स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों
ने भारत माता की परतंत्रता की बेडिय़ों को तोडऩे के लिए जो अनथक मेहनत की,
उसके सुखद परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्र वातावरण में साँस ले रहे हैं। देश
के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में शहीद गेंद सिंह, शहीद धुरवा राव,
शहीद यादव राव, शहीद वेंकट राव, वीर गुंडाधुर, शहीद डेबरी धुर, शहीद आयतु
माहरा, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे हमारे अनेक ऐतिहासिक नायकों ने अंग्रेजी
हुकूमत को उखाड़ फेकने के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए जनमानस में
स्वाधीनता की अलख जगायी। आज जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह हमारे
पुरखों के बलिदान का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा
साहेब अम्बेडकर का संविधान आज लोकतंत्र को आगे बढऩे की राह दिखा रहा है। यह
हमारे लिए एक प्रकाश स्तंभ है। बरसों पहले बाबा गुरु घासीदास जी ने समता
मूलक समाज का आदर्श हम सबके सामने रखा था, जो बाबा साहेब द्वारा निर्मित
संविधान में फलीभूत हुआ। उनके संविधान में कबीर की वाणी का सार भी है, जो
भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ समानता प्रदान
करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसे का संकट सबसे बड़ा संकट
होता है। यह तंत्र निश्चित ही जनता का अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा कायम
रखने से ही चलता है। छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने के बाद हमारी सबसे
बड़ी चुनौती इसी भरोसे को बहाल करने की थी। हमें यह कहते हुए संतोष हो रहा
है कि हमारी सरकार ने आपसे किये अधिकांश वायदों को पूरा कर विश्वास को फिर
से स्थापित किया है। हमारे संविधान निर्माताओं का सपना ऐसे ही मजबूत
लोकतंत्र का था, जहां जनता और उसकी चुनी हुई सरकार भरोसे की ऐसी ही मजबूत
डोर में बंधी रहे। वास्तव में यह लोकतंत्र का मजबूत रक्षासूत्र है, जिसे
कभी भी किसी भी लोकसेवक को कमजोर नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने
आगे कहा कि हमारे राज्य निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय
स्वर्गीय अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण प्रदेश के व्यापक आर्थिक विकास
एवं प्रदेश की सुंदर संस्कृति के संरक्षण के लिए किया। हमारा दायित्व है कि
'हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे' के संकल्प के साथ प्रदेश के
नवनिर्माण में पूरी लगन से जुट कर अटल जी का सपना साकार करें। विकसित भारत
के निर्माण में अपना योगदान देकर हम पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाने
का यश हासिल कर सकते हैं, यही हमारा कर्तव्य भी है। मुख्यमंत्री श्री साय
ने कहा कि आज के दिन हम उन पूर्वजों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं
जिन्होंने आपातकाल के कठिन दौर में संविधान की मशाल को बुझने नहीं दिया।
देश भर में हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने इमरजेंसी का विरोध किया और इसके
प्रतिरोध में जेल की सजा और अन्य यातनाएँ भुगतीं। अगले वर्ष 25 जून को
इमरजेंसी के पचास बरस पूरे हो जाएंगे। इस वर्ष ''आपातकाल स्मृति दिवस'' के
अवसर पर 25 जून के दिन हमें अपने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का आशीर्वाद
मिला है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अपने लोकतंत्र
सेनानियों के प्रति कृतज्ञता-ज्ञापित करने हेतु पिछले पांच वर्षों से रुकी
उनकी सम्मान निधि हमारी सरकार द्वारा पुन: प्रारंभ की गई है। मुख्यमंत्री
श्री साय ने कहा कि आज के दिन हम अपने उन जवानों के प्रति भी कृतज्ञता
व्यक्त करते हैं, जो हमारे प्रदेश में लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी आतंक से
पूरे साहस और जज्बे के साथ मुकाबला कर रहे हैं। बीते आठ महीनों में हमारे
जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 146 नक्सलियों को मार गिराया है।
इस दौरान हमने 32 नये सुरक्षा कैंप खोले हैं और आने वाले दिनों में 29 नये
कैंप शुरू करने जा रहे हैं। आज कई वर्षों बाद क्षेत्र की जनता सुरक्षित
महसूस कर रही है, जिसका कारण हमारे वीर जवानों की मेहनत व पराक्रम है। अब
बस्तर तीव्र विकास के लिए है तैयार मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि
नक्सलवादी घटनाओं से निपटने के लिए अनुसंधान और अभियोजन की कार्रवाई और भी
प्रभावी रूप से हो सके, इसके लिए हमने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का गठन
किया है। बस्तर की जनता नक्सलियों से त्रस्त हो चुकी है और विकास के मार्ग
पर सरपट दौडऩे को तैयार है। उन्होंने कहा कि अन्दरूनी क्षेत्रों में नये
कैंपों का विस्तार कर लोगों को आतंक से मुक्ति देने के साथ ही इन क्षेत्रों
में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जा
रहा है। इसके लिए हमने ''नियद नेल्लानार'' योजना शुरू की है। इस शब्द का
अर्थ होता है -''आपका अच्छा गांव''। विशेष पिछड़ी जनजातियों के
हितग्राहियों के लिए आरंभ की गई ''पीएम जनमन योजना'' की तरह इस योजना से
कैंपों के निकट पांच कि.मी. की परिधि के गांवों में 17 विभागों की 53
हितग्राही मूलक योजनाओं एवं 28 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ लोगों को दिया जा
रहा है। इन गांवों में पहली बार लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं। वे
शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सरकार की लोकहितकारी योजनाओं का लाभ अब उठा रहे
हैं। उनके जीवन में सुशासन का नया सवेरा आया है। प्रदेश में रिकॉर्ड धान
खरीदी मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमें अपने जवानों के साथ अपने
किसानों पर भी गर्व है। उनके श्रम से छत्तीसगढ़ महतारी का धान का कटोरा
भरा-पूरा रहता है। प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हमने
अन्नदाताओं की सुख-समृद्धि को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखा है। पूर्व
प्रधानमंत्री और हमारे प्रेरणा पुंज अटल जी के जन्मदिन ''सुशासन दिवस'' के
अवसर पर हमने राज्य के 13 लाख किसानों के बैंक खाते में 3716 करोड़ रुपये
का बकाया धान बोनस अंतरित किया। हमने अपने वायदों को पूरा करते हुए किसानों
से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से
धान खरीदी की। प्रदेश में ''रिकॉर्ड'' 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की
गई।
खेती-किसानी में लौटी रौनक मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि
किसानों को समर्थन मूल्य की 32 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ ही कृषक
उन्नति योजना के अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 75 हजार किसानों को अंतर की राशि
13 हजार 320 करोड़ रुपये अंतरित किए गए। इस प्रकार हमारे अन्नदाताओं के
खाते में सरकार ने धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर लगभग 49 हजार करोड़ रुपए
अंतरित किए। भूमिहीन किसानों को हमने दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण
योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए वार्षिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया
है। प्रदेश में कृषि हितैषी नीतियों की वजह से खेती-किसानी में रौनक लौट आई
है और किसानों के चेहरों पर मुस्कान नजर आ रही है। आज हमारे गांव आर्थिक
रूप से संपन्न नजर आते हैं। एक लोककल्याणकारी सरकार के लिए इससे बढ़कर
संतोष की बात और कुछ नहीं हो सकती। प्रदेश के विकास में मातृशक्ति की अहम
भूमिका मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को गढऩे और सँवारने में
मातृशक्ति की अहम भूमिका है। हम उनके योगदान का वंदन करते हैं। हमारे
छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहार की परंपरा है। तीजा के मौके पर भाई अपनी बहनों
को भेंट देते हैं। प्रदेश की माताओं-बहनों को ''महतारी वंदन योजना'' के रूप
में यही भेंट हम प्रदान कर रहे हैं। 10 मार्च, 2024 के दिन प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्चुअल समारोह में 70 लाख माताओं-बहनों के खाते
में महतारी वंदन योजना की पहली किश्त के रूप में एक-एक हजार रुपए की राशि
अंतरित की। अब तक इस योजना की छह किश्त जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा
कि हमारी माताएं-बहनें इससे आर्थिक रूप से सक्षम व आत्मनिर्भर हुई हैं। वे
इस राशि का उपयोग अपनी इच्छा अनुसार बच्चों की पढ़ाई एवं घर के बजट को
व्यवस्थित करने में कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक संबल मिल रहा है। जब
हम बेटियों को मजबूत करते हैं तो पूरा परिवार मजबूत होता है और मजबूत
परिवार से ही मजबूत समाज और मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। महिलाओं केे
आर्थिक सामाजिक सशक्तीकरण से निश्चित ही विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला
मजबूत हो रही है। समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति का उत्थान मुख्यमंत्री श्री
साय ने कहा कि एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमारे
समक्ष अंत्योदय के लिए कार्य करने का आदर्श रखा है। समाज के सबसे आखिरी
व्यक्ति के उत्थान और विकास को सुनिश्चित करने के इसी लक्ष्य के अनुरूप हम
अनथक कार्य कर रहे हैं। अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी 68 लाख
परिवारों को अगले पांच सालों तक नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय हमारी
सरकार द्वारा लिया गया है। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को बुनियादी
सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें सबसे पहले
सबको आवास सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है। मैं पिछले तीन दशकों से विशेष
पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के निकट संपर्क में रहा हूँ, उनके करीब रहकर
मैंने देखा है घास-फूस के आवास में रहने वालों का दर्द क्या होता है। 18
लाख लोगों का आवास का सपना होगा पूरा मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे
यशस्वी प्रधानमंत्री पीएम आवास योजना लेकर आए तो प्रदेश के लाखों परिवारों
को उम्मीदें जगी लेकिन पिछले 5 सालों में प्रदेश के 18 लाख जरूरतमंद
परिवारों के आवास का सपना पूरा नहीं हो सका। हमने संकल्प लिया कि हम इन 18
लाख परिवारों की पीड़ा दूर करेंगे। शपथ लेने के अगले दिन ही हमारी सरकार ने
इनके आवास के सपने को पूरा करने की राह खोल दी। इसके साथ ही सामाजिक
आर्थिक सर्वेक्षण में चिन्हांकित 47 हजार 90 आवासहीन परिवारों को आवास
स्वीकृत करने का निर्णय भी हमने ''मुख्यमंत्री आवास योजना'' के तहत लिया
है। 39 लाख परिवारों के यहां नल से जल सबको आवास के साथ ही सबको शुद्ध
पेयजल उपलब्ध कराने माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने जलजीवन मिशन भी आरंभ
किया है। प्रदेश में इसके क्रियान्वयन की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे
हैं। इसके लिए हमने 4500 करोड़ रुपए का बजट रखा है। प्रदेश में भू जल की
समस्या वाले गांवों में जलजीवन मिशन के अंतर्गत मल्टी विलेज स्कीम के
माध्यम से पेयजल आपूर्ति का काम शुरू हो गया है। फिलहाल राज्य के 18 जिलों
में 70 मल्टी विलेज योजनाओं का काम आरंभ हो गया है। हमने छत्तीसगढ़ में 50
लाख ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य रखा था। मुझे
खुशी है कि इसमें से 39 लाख 31 हजार परिवारों में हम नल कनेक्शन उपलब्ध करा
चुके हैं। आयुष्मान भारत से 77 लाख परिवारों को चिकित्सा सुविधा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे ग्रंथों में ''सर्वे संतु निरामया''
की कामना की गई है। किसी तरह की बीमारी हो जाने पर सबसे ज्यादा चिंता
आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उठानी पड़ती है। इसे देखते हुए प्रदेश में
''आयुष्मान भारत''-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना'' के साथ ही ''शहीद
वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना'' लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन
दोनों योजनाओं से छत्तीसगढ़ के 77 लाख 20 हजार परिवारों को 5 लाख रूपए तक
नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है। अब वन अधिकार पत्र होंगे
हस्तांतरित मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वन अधिकार पत्र धारकों की
मृत्यु हो जाने के पश्चात् उनके वारिसों को वन अधिकार पत्र हस्तांतरित करने
की प्रक्रिया का उल्लेख वन अधिकार नियमों में नहीं था। इस वजह से
नामांतरण, सीमांकन, खाता विभाजन जैसे राजस्व संबंधी कार्य संभव नहीं थे।
हमने अपने जनजाति और वनवासी भाइयों की पीड़ा को समझा। हमारी सरकार द्वारा
उनके वारिसों को वन अधिकार पत्र हस्तांतरित करने का प्रावधान किया गया है।
अब वन अधिकार पत्र धारण करने वाले हमारे जनजाति और वनवासी भाइयों के लिए
सीमांकन, नामांतरण, खाता विभाजन जैसे कार्य सहज हो गये हैं। इन वन अधिकार
पत्रों को डिजिटलाइज भी किया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी
पारिश्रमिक दर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में वनधन
केंद्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने वनोपज संग्राहकों की आर्थिक
तरक्की की नई राह खोली है। हमारी सरकार ने राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों
की पारिश्रमिक दर को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए कर
दिया है। साथ ही तेंदूपत्ता संग्रहण समय-सीमा में भी वृद्धि की गई, जिससे
हमारे भाई-बहन अधिक समय तक तेंदूपत्ता संग्रहण कर बढ़ी हुई आय अर्जित कर पा
रहे हैं। इस साल 13 लाख 5 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 855 करोड़ 80 लाख
रुपए का भुगतान किया गया है। इनकी संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 1 लाख
72 हजार अधिक है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा हमारे भविष्य हैं।
युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले, उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के
लिए उपयुक्त वातावरण हो, इसके लिए हम प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं।
हमारी सरकार यह मानती है कि भर्ती प्रक्रियाओं में की गई अनियमिततायें
होनहार युवकों को रोजगार के अवसरों से वंचित तो करती ही हैं, साथ ही इससे
सिविल सेवा की गुणवत्ता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। हमारी सरकार द्वारा
राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने
का निर्णय लिया गया। हम युवाओं के लिए समान अवसर और पारदर्शी परीक्षा
प्रणाली प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित हैं।
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