Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Thursday, July 17

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्तीसगढ़ में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए वन विभाग ने ग्लोबल टाइगर फोरम संस्थान से अनुबंध किया

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए वन विभाग ने ग्लोबल टाइगर फोरम संस्थान से अनुबंध किया है। इनकी सलाह से बाघों के अनुकूल रहवास की पहचान की जा रही है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में कोर इलाके के करीब 78.78 वर्ग किलोमीटर में 25 गांवों को पुनर्स्थापन (शिफ्टिंग) करने की योजना है। इनमें छह गांव काे हटाकर दूसरे जगह बसाया जा चुका है। तीन का अंतिम चरण में है। अभी 16 गांव बाकी हैं। इसके बाद रिजर्व में दो मादा बाघ और एक नर बाघ छोड़ा जाएगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से दो मादा बाघ और एक नर बाघ छत्तीसगढ़ को देने का अनुरोध किया है। जिन राज्यों में बाघों की संख्या ज्यादा है वहां से बाघ लाने से प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने को राज्य सरकार ने यह नीति बनाई है। इसे रि-इंट्रोडक्शन फार्मूला कहा जाता है।इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से दो मादा बाघ और एक नर बाघ छत्तीसगढ़ को देने का अनुरोध किया है। जिन राज्यों में बाघों की संख्या ज्यादा है वहां से बाघ लाने से प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने को राज्य सरकार ने यह नीति बनाई है। इसे रि-इंट्रोडक्शन फार्मूला कहा जाता है। फिलहाल अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक मादा बाघ को छोड़ा गया है। वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने मादा बाघ को रेडियो कालर लगाया है ताकि अचानकमार के अनुकूल रहवास को समझा जा सके। इसके लिए वन विभाग ने निगरानी टीम को पन्ना टाइगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित कराया है। इस टीम में भारतीय वन्यजीव संस्थान के दो रिसर्च स्कालर और वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम भी विशेष रूप से तैनात हैं। 


No comments

राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर लोकहित और लोक कल्याण को द...

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधा...

मुख्यमंत्री साय ने राज्यपाल डेका का विधानसभा परिसर में किया ...

कोण्डागांव की बालिका ने ताईवान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गो...

उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के प्रयासों से मिली शहर के विभ...

मनेंद्रगढ़ क्षेत्र को मिली 25.99 करोड़ की विकास योजनाओं की स...

राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठकर लोकहित और लोक कल्याण को द...

विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने रिक्...

म.प्र. में पीपीपी मोड पर फुटबाल एक्सीलेंस सेंटर, स्पोर्टस इन...

नियद नेल्लानार योजना : माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास क...