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मोदी सरकार का 60 लाख मैट्रिक टन चांवल लेने का फैसला जुमलेबाजी साबित हुआ: कांग्रेस

रायपुर। किसान विरोधी केन्द्र की भाजपा मोदी सरकार आखिर किस बात का किसानों से बदला ले रही है, केंद्र से लेकर राज्य के किसान भेदभाव और अन्याय प...


रायपुर। किसान विरोधी केन्द्र की भाजपा मोदी सरकार आखिर किस बात का किसानों से बदला ले रही है, केंद्र से लेकर राज्य के किसान भेदभाव और अन्याय पूर्ण रवैया से बेहद परेशान हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने केंद्र की भाजपा मोदी सरकार पर छत्तीसगढ़ से 60 लाख मैट्रिक टन चावल लेने की बात से फिर जाने को दगाबाजी करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है देश के  चावल उत्पादक राज्यों में सबसे अधिक चावल की पैदावार छत्तीसगढ़ में होती है प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां धान की खेती पर ही आधारित है। राज्य की भूपेश सरकार वायदो अनुसार किसानों को उनकी मेहनत का लाभ देने बेहतर प्रयास कर रही है मगर केंद्र की भाजपा मोदी सरकार 25 सौ रुपए दिए जा रहे धान के समर्थन मूल्य ना देने को लेकर केंद्रीय पूल में चावल लेने से मना करती है, वही दूसरी ओर बारदाने का संकट पैदा करती है, वही किसानों को किसी प्रकार का बोनस आर्थिक लाभ देने से मना करती है, तो भूपेश सरकार किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत आर्थिक रूप से नयी व्यवस्था प्रदान करती है जिस पर बढ़-चढ़कर किसान हितेषी होने का ढोंग रचने के लिए छत्तीसगढ़ से वित्तीय वर्ष 60 लाख मैट्रिक टन चावल खरीदने की झूठी घोषणा की जाती है जिसका समूचे प्रदेश भाजपाइयों ने घूम घूम वाह वाही लूटी राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री कृषि मंत्री वित्त मंत्री का आभार जताया था।
भूपेश सरकार किसानों को समर्पित सरकार
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि राज्य की भूपेश सरकार किसानों को समर्पित सरकार है इस वर्ष रिकार्ड तोड़, किसानों से सरकार ने 90 लाख मैट्रिक टन से ऊपर धान खरीदा है जिससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं इससे घबराई  राज्य से लेकर केंद्र की भाजपा अपने ही 60 लाख मैट्रिक टन चावल लेने के फैसले से पलट गयी, जिससे राज्य सरकार को चांवल की नीलामी का मजबूरी में फैसला लेना पड़ा,  जिसे प्रदेश के किसान भाजपाइयों की इन पक्षपात पूर्ण द्वेष पूर्ण लिये गये मोदी सरकार के इन निर्णयो को देख भी रही है और समझ भी रही है जिसका जवाब उन्हें आने वाले वक्त में देना होगा।

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