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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अच्छी पहल: बंद पड़ी खदानें जल संरक्षण के स्रोतों के रूप में होंगी विकसित

 रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिलों में बंद हो चुकी खदानों को जल-संरक्षण स्रोतों के रूप में विकसित करने के ल...


 रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को अपने जिलों में बंद हो चुकी खदानों को जल-संरक्षण स्रोतों के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन खदानों में विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों के संचालन को भी कार्ययोजना में शामिल करने को कहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि जिलों में स्थित समस्त 'उपेक्षित खनन स्थलों' का चिन्हांकन कर उन्हें जल सरंक्षण स्त्रोत में परिवर्तित करने तथा आवश्यकतानुसार अन्य गतिविधियां आरम्भ करने की कार्ययोजना एक माह के अन्दर तैयार करें। इस कार्य में होने वाले व्यय की व्यवस्था नरेगा, डीएमएफ., सीएसआर, पर्यावरण एवं अधोसरंचना मद एवं अन्य विभागीय योजनाओं में उपलब्ध आबंटन से की जा सकती है। श्री बघेल ने कहा है कि राज्य में दशकों से कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट, डोलोमाइट, लाइम स्टोन, मुरूम, गिट्टी इत्यादी के खनन से इन खनिजों के अनेक भंडार समाप्त होने के कारण उन खनन स्थलों को उपेक्षित हालत में छोड़ दिया गया है। ऐसे उपेक्षित खनन स्थलों में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हंै, जिनसे जान-माल का नुकसान हो रहा है।
धान खरीदी में खाद्य पदार्थों के पैकेजिंग में उपयोग किए जूट बारदानों के उपयोग की अनुमति
मुख्यमंत्री के निर्देशन पर किसानों के हित में एक और निर्णय लेते हुए राज्य शासन द्वारा प्रदेश में धान खरीदी के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट बारदानों का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग संरक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से इस संबंध में आज आदेश जारी किया गया है, जिसमें राज्य के सभी कलेक्टरों को स्थानीय स्तर पर बारदाना प्रदायकर्ताओं से समितियों, किसानों को उपयुक्त दरों पर बारदाना आपूर्ति कराने को कहा गया है। गौरतलब है कि इसके पूर्व धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना, एचडीपीई, पीपी बारदाना, पीडीएस बारदाना, मिलरों, किसानों से प्राप्त बारदानों और समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों की उपयोग के निर्देश दिए गए हैं। राज्य शासन द्वारा बारदानों की संभावित कमी को ध्यान में रखते हुए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के बारदानों का भी उपयोग धान खरीदी के लिए करने की अनुमति दी गई है।  आदेश के अनुसार खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के पुराने बारदाने एक बार उपयोग किया गया होना चाहिए। बारदाने 50 किलो भर्ती के होने चाहिए और कटे-फटे नहीं होने चाहिए। खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग उपयोग किए जूट बारदानों की गुणवत्ता एवं अन्य प्रक्रिया किसान बारदाने एवं समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के संबंध में जारी दिशा-निदेर्शों के अनुसार ही होंगे। इस बारदाने की दर पूर्व में निर्धारित पुराने बारदाने के अनुसार ही होगी।

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