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4 साल से प्रतिदिन जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन करवाते हैं जन समर्पण सेवा संस्था के सेवादार

दुर्ग । भूखे को भोजन करवाना सबसे बड़ा मानव धर्म है। इस धर्म को इंगित करते हुए कस्बे की सामाजिक संस्था ''जन समर्पण सेवा संस्था...की ओ...


दुर्ग । भूखे को भोजन करवाना सबसे बड़ा मानव धर्म है। इस धर्म को इंगित करते हुए कस्बे की सामाजिक संस्था ''जन समर्पण सेवा संस्था...की ओर से शुरू की गई भोजन सेवा आज प्रेरणा बन गई है। कोई भूखा ना सोए इस अनुकरणीय पहल के साथ 1 जनवरी 2017 को जब पूरा शहर नये वर्ष की पार्टी बना रहा था तब इस संस्था के युवा शहर में घूम घूमकर गरीबों को निशुल्क भोजन वितरण कर रहे थे। 1 जनवरी 2017 से आज तक बिना किसी नागा, बिना रुके प्रतिदिन दुर्ग रेलवे स्टेशन एवं शहर के विभिन्न स्थानों में करीब 70-80 जरूरतमंद गरीब, असहाय, विकलांग जनों को भोजन कराते हैं। इस कार्य में संस्था के युवा साथियों के साथ अन्य स्वयंसेवक, धार्मिक एवं सामाजिक संस्था भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, संस्था के इस नेकी कार्य में शहर एवं प्रदेश के दानदाता भी सहयोग देकर इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभा रहे हैं।  इस सेवा कार्य को शुरू किए 4 साल पूर्ण हो गए है। जिसमें प्रतिदिन दुर्ग रेल्वे स्टेशन में एक साथ सभी गरीब, असहाय, विकलांग जनों को भोजन कराया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन भोजन के लिए आने वाले जरूरतमंद जब यहां पर भोजन कर जाते हैं तो दुआएं व आशीर्वाद दिए बिना भी नहीं रहते। ये दुआएं व आशीर्वाद यहां सेवा दे रहे लोगों में ऊर्जा भर देता हैं। जो नि:स्वार्थ भाव से यहां सेवा में जुटे रहते हैं। महिलाओं के साथ आने वाले छोटे-छोटे बच्चे जब पंगत में बैठकर भोजन से भरी थाली में खाते हैं तो उनके चेहरों पर जो खुशी दिखाई देती है उसे बया करना मुश्किल है।
जरूरतमंदों का सहारा बनी जन समर्पण सेवा संस्था, रसोई बनाने से लेकर बर्तन तक मांजते हैं सेवादार, यहां सेवा देने वाले सेवादार रसोई के विभिन्न कार्यों में सहयोग देने के साथ-साथ, भोजन कराने व भोजन के बाद झूठे बर्तनों को मांजने का भी काम करते हैं।, जो सेवाभाव का अनुपम उदाहरण पेश करता है।  आमजन की बढ़ रही है भागीदारी, इस सेवा कार्य परियोजना में आमजन की भागीदारी निरंतर बढ़ती जा रही है। योजना शुरू करने के बाद से दानदाताओं का सहयोग निरंतर मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की पावन धरती दुर्ग शहर में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए इसी उद्देश्य के साथ इस सेवा की शुरुआत की गई है।  प्रतिदिन संस्था के सदस्य एवं शहर के विभिन्न सामाजिक गण संस्था के सदस्यों के साथ मिलकर संस्था की थीम के अनुसार अपने सुअवसरों को सामाजिक सरोकार से जोडऩे की कोशिश लगातार कर रहे है.। खुशी के पल बांटते है यहां, लोग अपने खुशी के पल जैसे जन्मदिन, शादी की साल गिरह सहित विभिन्न अवसरों पर यहां गरीबों को भोजन के माध्यम से अपनी खुशी बांटते हैं। इस सेवा के शुरू होने के बाद से रोजाना यहां लोग जरूरतमंद के बीच आकर उन्हें भोजन कराकर अपने खुशियों को दोगुना करते हैं, जरूरमंदों को भोजन कराने से जो आत्मिक सुख की अनुभूति होती है वह और कही नही मिलती, संस्था के सभी सदस्य अपना एवं अपने पारिवारिक जनोँ का जन्मदिवस एवं शादी की सालगिरह इन्ही गरीबों विकलांग जनोँ के बीच उपस्थित होकर केक एवं मिठाई वितरण करके बनाते है..संस्था के सभी सदस्यों ने विगत 4 वर्षों में कोई भूखा इसका पूरा प्रयास करते हुए सभी महीने (ठंड, गर्मी, बरसात) में बिना रुके भोजन वितरण करके अपने आप मे एक मिशाल पेश की है, जो निरन्तर जारी है।
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