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जिनको डायबिटीज की परेशानी है वो भी चावल खा सकते है, बस बदलना होगा तरीका

aber news.in नई दिल्ली।   डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों को चावल और आलू न खाने की सलाह दी जाती है. ऐसे में उन लोगों को बहुत परेशानी होती ह...

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नई दिल्ली।
  डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों को चावल और आलू न खाने की सलाह दी जाती है. ऐसे में उन लोगों को बहुत परेशानी होती है जो चावल खाने के बहुत शौकीन होते हैं. लेकिन डायबिटीज के रोगी भी चावल खा सकते हैं, हालांकि इसके लिए उन्हें चावल की किस्म का ध्यान रखना होगा. यानी अगर किसी को डायबिटीज है तो उसे चावल का कौन सा प्रकार खाना चाहिए और कौन सा नहीं. इस बात का ध्यान रखना जरूरी है.

इसी के साथ चावल बनाने की तकनीक का भी ध्यान रखना होगा. यानी कि आपको चावल बनाने की तरीकों को भी जानना जरूरी है और इसका वक्त भी. दरअसल, चावल में स्टार्च और शुगर ज्यादा होते हैं जिसके चलते इसे डायबिटीज में खाने से मना किया जाता है. चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है और ये ब्लड में जाते ही तुरंग शुगर में बदल जाता है. हालांकि, ऐसा सभी चावल के साथ नहीं होता. क्योंकि चावल की एक नहीं कई तरह की प्रजातियां होती हैं.


डायबिटीज के रोगियों को ऐसे चावल खाने चाहिए जिनका शुगर लेवल कम हो. इसके लिए ऐसे चावलों को चुने जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. ग्लाइसेमिक इंडेक्स उन चावलों में कम होता है जिनमें स्टार्च कम पाया जाता है. उसना चावल इसका सबसे बेहतर विकल्प है. इसके लिए डायबिटीज के रोगियों को हमेशा पुराना चावल खाना चाहिए और नए चावल से परहेज करना चाहिए. क्योंकि इसमें स्टार्च जरूरत से ज्यादा पाया जाता है. साथ ही शुगर भी. साथ ही जब भी चावल बनाए उसका माढ़ निकाल देना चाहिए. हालांकि पुराने चावलों में कम माढ़ होता है लेकिन फिर भी इसे इसी तरीके से बनाना चाहिए. इसके लिए चावल को रात भर भिगो कर रखें और अगले दिन उसे खूब धोंए और फिर माढ़ को निकाल दें.

इसके अलावा डायबिटीज के रोगियों को ब्राउन राइस खाना भी ठीक रहेगा. बता दें कि ब्राउन राइस या भूरे रंग के चावल में बहुत अधिक फाइबर होता है जो जिंक जैसे खनिजों के अवशोषण में अड़चन डालता है, जो इंसुलिन के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है. हालांकि जब भी चावल खाएं एक कटोरी से ज्यादा बिलकुल भी न खाएं. ज्यादा चावल खाने का मतलब है आप शरीर में स्टार्च को बढ़ा रहे हैं. जो आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है. जब भी आप चावल खाएं साथ में खूब सलाद खाएं. चावल के साथ मल्टीग्रेन रोटी खानी चाहिए लेकिन से भी सीमित मात्रा में ही लें.

यही नहीं डायबिटीज के रोगियों को कब चावल खाने चाहिए और कब इसका परहेज करना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखना होगा. डायबिटीज के रोगियों के चावल खाने का सही समय शाम चार बजे से छह बजे के बीच होता है. साइंटिफिकली इस समय चावल खाना सही माना गया है. साथ ही चावल को रात में खाने से बचना चाहिए. वहीं अगर किसी को चावल खाने के बाद दोबारा से भूख लगने की शिकायत रहती है तो दाल-चावल में घी डालकर खाना अच्छा माना जाता है।

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