9 घंटे चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री की सख्त नसीहत, कहा – फील्ड में उतरें अफसर, जनता तक पहुँचे योजनाओं का लाभ रायपुर । मुख्यमंत...
9 घंटे चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री की सख्त नसीहत, कहा – फील्ड में उतरें अफसर, जनता तक पहुँचे योजनाओं का लाभ
रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई 9 घंटे लंबी कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में प्रशासन को कड़े शब्दों में संदेश दिया — “जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन का मतलब है जनता के बीच परिणाम, फाइलों में नहीं।”
बैठक में मुख्य सचिव विकास शील सहित सभी संभागायुक्त और कलेक्टर मौजूद थे। बैठक की शुरुआत तय समय से पहले हुई — जो खुद सीएम के अनुशासन और परिणाम-केन्द्रित कार्यशैली का संकेत था।
“यह सिर्फ समीक्षा बैठक नहीं, जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है”
सीएम ने कहा कि योजनाओं का लाभ जनता तक “समयबद्ध और पारदर्शी तरीके” से पहुँचना ही सुशासन का सार है। उन्होंने चेताया — “रिपोर्टों में नहीं, ज़मीनी स्तर पर असर दिखना चाहिए।”
सीएम ने अफसरों से कहा — “जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है।”
धान खरीदी में गड़बड़ी पर सीधा कलेक्टर जिम्मेदार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होगी — “किसी भी स्तर पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। हर केंद्र की मॉनिटरिंग हो, बाहर से धान की अवैध आमद रोकी जाए।”
सीएम ने बताया कि खरीदी की निगरानी अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी।
उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 100% पंजीयन सुनिश्चित करने और संवेदनशील केंद्रों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए।
किसान योजनाएं – ‘एक भी पात्र किसान वंचित न रहे’
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पर सीएम साय ने कहा — “किसी भी पात्र किसान को लाभ से वंचित नहीं छोड़ा जाए। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है।”
बस्तर और सरगुजा संभाग में प्रगति की विशेष समीक्षा करने के निर्देश दिए।
‘सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ – हर ग्रामीण तक पहुंचे लाभ
ऊर्जा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा — “ग्रामीणों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसान हो, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।”
स्वास्थ्य सेवाओं पर सख्ती – हर अस्पताल में 100% प्रसव सुनिश्चित
सीएम ने कहा — “मातृ मृत्यु के हर मामले की ऑडिट रिपोर्ट जरूरी है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”
वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बस्तर में मलेरिया उन्मूलन पर जोर देते हुए कहा — “हॉटस्पॉट इलाकों में विशेष अभियान चलाएं, छत्तीसगढ़ को ‘मलेरिया मुक्त राज्य’ बनाना लक्ष्य है।”
“शिक्षण सामग्री अलमारी में नहीं, कक्षा में दिखनी चाहिए”
सीएम साय ने शिक्षा विभाग की समीक्षा में स्पष्ट कहा —
“ड्रॉपआउट जीरो हो, 100% नामांकन हो — यह लक्ष्य हर हाल में पूरा करें।”
उन्होंने बीजापुर जिले की सराहना की जहां गोंडी भाषा में शिक्षण से उपस्थिति बढ़ी और ड्रॉपआउट घटा।
सीएम ने निर्देश दिया — “31 दिसंबर तक हर छात्र का आधार आधारित APAR ID बनना चाहिए।”
राज्य में अब “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलेगा — स्कूलों की ग्रेडिंग होगी और परीक्षा परिणाम सुधार के ठोस प्लान बनेंगे।
धरती आबा और आदि कर्मयोगी अभियान – आदिवासी विकास पर फोकस
सीएम ने कहा — “धरती आबा अभियान आदिवासी अंचलों के सर्वांगीण विकास का प्रतीक है।”
17 विभागों को आपसी समन्वय से 100% लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया — “आदि कर्मयोगी अभियान में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है। 6650 गांवों में 1.33 लाख वालेंटियर्स काम कर रहे हैं।”
पीएम जनमन योजना और आवास निर्माण — ‘31 दिसंबर तक सारे मकान पूरे हों’
सीएम ने कहा — “प्रधानमंत्री आवास योजना के सभी शेष मकान 31 दिसंबर तक पूरे हों। जो तैयार हैं, उनका अधिपत्य तुरंत दिया जाए।”
“मोर गांव मोर पानी” अभियान के तहत 1.5 लाख से अधिक घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के भुगतान में देरी पर नाराज़गी जताते हुए कहा — “अब देरी बर्दाश्त नहीं होगी, जवाबदेही तय होगी।”
नगर निगम निरीक्षण पर सख्ती – ‘सुबह 7 बजे तक वार्डों में दिखना चाहिए कलेक्टर’
सीएम ने निर्देश दिया — “सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं की गुणवत्ता प्राथमिकता से सुधरे। केवल कागज़ी रिपोर्ट नहीं, फील्ड विज़िट जरूरी है।”
युवाओं के लिए रोजगार पर फोकस — कौशल प्रशिक्षण से आत्मनिर्भरता तक
मुख्यमंत्री ने कहा — “कौशल विकास प्रशिक्षण सिर्फ प्रमाणपत्र तक सीमित न रहे, वास्तविक रोजगार में बदले।”
राज्य स्तरीय रोजगार मेला आयोजित करने और हर तिमाही लोन मेला लगाने के निर्देश दिए।
हर जिले में स्किल गैप एनालिसिस कर स्थानीय उद्योगों की जरूरत के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
ई-सेवाएं और लोक सेवा गारंटी – डिजिटल सेवाएं हों तेज़ और पारदर्शी
सीएम ने कहा — “बच्चे के जन्म के तुरंत बाद प्रमाणपत्र मिले, लोक सेवा गारंटी में सभी सेवाओं का निस्तारण समय पर हो।”
वर्तमान में 86 सेवाएं ऑनलाइन हैं, जिन्हें और बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा — “आवेदन लंबित रहने का मतलब लापरवाही — इसकी जवाबदेही तय होगी।”
जीरो टॉलरेंस नीति पर दो टूक
सीएम साय ने कहा —
“धान खरीदी, रेत उत्खनन या किसी भी प्रशासनिक अनियमितता पर सख्त कार्रवाई होगी। दोषी अफसरों पर कठोरतम कदम उठाए जाएंगे।”
उन्होंने कहा — “भुगतान समय पर करें, फील्ड में जाएं, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखें — यही सुशासन की पहचान है।”
बायोमेट्रिक उपस्थिति और अनुशासन पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा — “राज्य और जिला स्तर के सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति सिस्टम शीघ्र लागू हो।”
उन्होंने अफसरों से कहा — “जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, उनके सुझावों पर कार्रवाई करें, क्योंकि संवाद और संवेदनशीलता ही जनता का विश्वास जीतते हैं।”
सीएम विष्णु देव साय का संदेश:
"अफसर रिपोर्ट नहीं, नतीजे दें। जनता का विश्वास ही सुशासन की असली पहचान है।"
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