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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निभाया वादा

   ’ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से लौटी शिक्षा व्यवस्था में रौनक’ रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने एक बार फिर अपने...

  

’ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से लौटी शिक्षा व्यवस्था में रौनक’

रायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने एक बार फिर अपने कथनी और करनी में सामंजस्य का परिचय देते हुए ग्रामीण अंचलों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का वादा निभाया है। सुशासन तिहार के अवसर पर उन्होंने अचानक भरतपुर विकासखंड के ग्राम कुँवारपुर (माथमौर) में पहुँचकर जब ग्रामीणों से सीधा संवाद किया था, तब वहां की शालाओं में एकल शिक्षक व्यवस्था पर चिंता जताते हुए ग्रामीणों ने शिक्षकों की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही आश्वासन दिया था कि विद्यालय खुलते ही शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

मुख्यमंत्री के इस वादे को निभाते हुए शासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए प्राथमिक शाला तोजी, छपराटोला, दर्रीटोला और शिवटोला में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत पदस्थापना कर दी गई है। इस निर्णय से इन विद्यालयों में अब नियमित शिक्षण कार्य प्रारंभ हो सकेगा और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर उस दिन ग्रामवासियों में गहरी प्रसन्नता और गर्व की लहर दौड़ गई थी। और अब जब विद्यालयों में शिक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं, तो ग्रामीणों ने इस त्वरित और संवेदनशील पहल पर मुख्यमंत्री श्री साय का हृदय से आभार प्रकट किया है। ग्राम पंचायत तोजी के उप सरपंच श्री हीरालाल यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने इस कदम को ग्रामीण शिक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।

’शिक्षा को प्राथमिकता, शासन की संवेदनशीलता का प्रतीक’
यह पदस्थापन केवल शिक्षकों की नियुक्ति भर नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है जो ष्हर स्कूल में शिक्षक, हर बच्चे को शिक्षाष् के संकल्प को साकार करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। शासन द्वारा युक्तिकरण नीति के अंतर्गत शिक्षक विहीन व एकल शिक्षक शालाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इस निर्णय से न केवल बच्चों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे अभिभावकों, ग्रामीण समाज और स्कूल के बीच विश्वास की डोर और मजबूत होगी। आने वाले समय में इन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति, परीक्षा परिणाम और शिक्षा की गुणवत्ता में भी स्पष्ट सुधार देखने को मिलेगा।

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