00 ‘सीमावर्ती क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम’ के तहत 5 राज्यों के युवाओं से किया ‘’कर्त्तव्य संवाद’’ भोपाल। खेल एवं युवा कल्याण मं...
00 ‘सीमावर्ती क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम’ के तहत 5 राज्यों के युवाओं से किया ‘’कर्त्तव्य संवाद’’
भोपाल।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि विकसित
भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने
युवाओं से आवाह्न किया कि वे चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र
बोस जैसे अमर बलिदानियों के जीवन से प्रेरणा लें और अपने कर्त्तव्यों को
प्राथमिकता देते हुए राष्ट्रहित में कार्य करें। मंत्री श्री सारंग सोमवार
को निवास पर माय भारत, नेहरू युवा केंद्र संगठन, मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित
"सीमावर्ती क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम" के अंतर्गत गुजरात,
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब से आए युवा प्रतिभागियों से
"कर्तव्य संवाद" किया। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश के प्रति कर्तव्य बोध को आत्मसात करना ही
सच्ची देशभक्ति है। प्रत्येक युवा को अपने अधिकारों के साथ अपने दायित्वों
का भी पूर्णतः पालन करना चाहिए, जिससे वे राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक
योगदान दे सकें।
संस्कारवान युवाओं का अनुसरण करें
मंत्री
श्री सारंग ने आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया के प्रभाव पर विशेष जोर
देते हुए कहा कि युवाओं को ऐसे इन्फ्लुएंसर्स से दूरी बनानी चाहिए जो समाज
में फुहड़ता और नकारात्मकता फैलाते हैं। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया
कि वे उन व्यक्तित्वों का अनुसरण करें जो संस्कारवान, समाजसेवी, और देशहित
में योगदान देने वाले हों। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति केवल अपने विकास तक
सीमित न रहे, बल्कि समाज और देश के विकास में भी योगदान दे। देश को विकसित
भारत बनाने के लिए आवश्यक है कि युवा सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपने लक्ष्यों
की ओर बढ़ें और राष्ट्र के गौरव को बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।
सीमावर्ती क्षेत्रों के युवाओं के लिए यह कार्यक्रम बेहद उपयोगी
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सीमावर्ती राज्यों के
युवाओं को एक सशक्त मंच प्रदान करता है, जिससे वे देश के अन्य हिस्सों की
संस्कृति, परंपराओं और विकास कार्यों से परिचित हो सकें। युवा आदान-प्रदान
कार्यक्रम न केवल राष्ट्रीय एकता को मजबूत करता है, बल्कि युवाओं को एक
राष्ट्रवादी दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।
मंत्री श्री सारंग ने इस पहल
की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से सीमावर्ती
क्षेत्रों के युवाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ने, नई सोच विकसित
करने और अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलता है। इससे वे न
केवल अपनी व्यक्तिगत क्षमता को निखार सकते हैं बल्कि अपने क्षेत्र और समाज
के लिए भी बेहतर कार्य कर सकते हैं।
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