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दिल्ली में भाजपा का 27 साल का वनवास खत्म

   नयी दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त देते हुए 27 साल का वनवास खत...

 

 नयी दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त देते हुए 27 साल का वनवास खत्म कर सत्ता में वापसी कर ली है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव की शनिवार को हुई मतगणना में भाजपा बड़े बहुमत की ओर बढ़ रही है। सत्तारुढ आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता का निर्णय मान्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की जीत विकास और सुशासन की जीत है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि दिल्ली में लाेगों ने बदलाव के लिए वोट किया है। भारतीय राजनीति में एक नये प्रयोग के साथ लगभग 12 साल पहले सरकार में आयी आप के नेता श्री केजरीवाल नयी दिल्ली विधानसभा सीट से और उनके नजदीकी मनीष सिसोसिया जंगपुरा सीट से चुनाव हार गये हैं। दिल्ली के राजनीतिक क्षितिज पर आप के प्रादुर्भाव से पहले करीब 15 साल तक सत्ता में रही कांगेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपना खाता फिर नहीं खोल सकी है। भाजपा ने दिल्ली में 2024 के लोकसभा चुनाव का अपना प्रदर्शन जारी रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी के सभी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है और वोट हिस्सा लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाया है। भाजपा ने दिल्ली के नतीजों को “ मोदी की गारंटी पर दिल्ली की जनता का भरोसा” बताया है।  कांग्रेस का हराकर लगभग 12 साल पहले सत्ता में आयी आप 20 से 25 सीटों पर सिमटती नजर आयी है।  भाजपा अंतिम बार दिल्ली में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में सत्ता थी। वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से लंबे समय के लिए बाहर कर दिया। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में लगतार तीन कार्यकाल तक सरकार चलायी। वर्ष दिसंबर 2013 में आप ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सरकार का गठन किया।  रुझानों के अनुसार विधानसभा चुनावों में भाजपा को 45 से 50 सीटें मिलने की संभावना है। भाजपा ने मतगणना की आरंभ से ही बढ़त बना ली थी, लेकिन सीटों पर आप और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर को देखते हुए हार जीत का अंतर बहुत रहा है।  राजनीतिक विश्लेषकों ने आप की हार में कांग्रेस का भी कुछ हाथ देखना शुरु कर दिया है। पर इस बारे में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है।’’ जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तंज किया, “और लड़ो आपस में।’’  भाजपा के दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने होली से पहले ही होली का उत्सव मनाना शुरु कर दिया है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यालयों पर नेता और कार्यकर्ता नदारद रहे। 

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