Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Friday, August 22

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

नई तकनीक से सुलझेंगे भूमि संबंधी विवाद

  भू-स्वामियों को मिलेगा भू-आधार कार्ड छत्तीसगढ़ में होगी जियो-रिफ्रेसिंग से ई-गिरदावरी    श्री विष्णु वर्मा, सहायक संचालक रायपुर । छत्तीसगढ़ ...

 

भू-स्वामियों को मिलेगा भू-आधार कार्ड

छत्तीसगढ़ में होगी जियो-रिफ्रेसिंग से ई-गिरदावरी

  •    श्री विष्णु वर्मा, सहायक संचालक

रायपुर । छत्तीसगढ़ में राजस्व प्रशासन में नई तकनीकों के माध्यम से नवाचार शुरू किया गया है। इसी तारतम्य में राजस्व प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त करने जियो-रिफ्रेसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस नई तकनीक के लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रूपए का प्रावधान करने के साथ-साथ राजस्व से जुड़े अमलों की व्यवस्था और उनके प्रशिक्षण की रणनीति बनाई गई है। जियो-रिफ्रेसिंग से भू-स्वामियों को जमीन संबंधी विभिन्न विवादों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ राज्य में किसानों द्वारा लगाई गई फसल का डिजिटल क्रॉप सर्वे होने से ई-गिरदावरी में आसानी होगी। जियो रिफ्रेसिंग के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल. पिन नंबर दिया जाएगा। इसके साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड भी मिलेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में सुशासन के लिए पारदर्शी और बेहतर प्रशासन के लिए शासकीय काम-काज में अधिक से अधिक आईटी का उपयोग करने के निर्देश सभी विभागों को दिए हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों को भूमि के जियो-रिफ्रेसिंग का कार्य तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।

जियो रिफ्रेसिंग तकनीक में छोटी से छोटी भूमि का लांगीट्यूड और एटीट्यूड के माध्यम से वास्तविक भूमि का चिन्हांकन करना आसान हो जाएगा। जमीन सीमांकन के दौरान होने वाले विवाद को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के सभी ग्रामों के कैडेस्ट्रल मैप का जियो रिफ्रेसिंग कार्य मार्च 2024 प्रारंभ किया जा चुका है। राज्य के 33 जिलों के कुल 20,222 ग्रामों में से 19 जिलों के 10,243 ग्रामों का जियो रिफ्रेसिंग कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष ग्रामों का जियो रिफ्रेसिंग कार्य प्रगतिरत है।

राज्य में डिजिटल फसल सर्वेक्षण खरीफ वर्ष 2024 का कार्य सितंबर-2024 से प्रारंभ किया गया है। राज्य के 20,222 ग्रामों में से पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में 2700 ग्रामों के कुल 26,05,845 खसरों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण का लक्ष्य रखा गया था। निर्धारित लक्ष्य में से 24,22,897 खसरा नंबरों का सर्वे पूर्ण किया जा चुका है एवं 23.96,793 खसरा नंबरों का सत्यापन कार्य किया जा चुका है। इस प्रकार निर्धारित लक्ष्य अनुसार 93 प्रतिशत खरीफ फसल का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया है।

No comments

वाणिज्य उद्योग मंत्री 23 अगस्त को राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन मे...

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्राथमिक स्वास्थ्य ...

166 महतारी सदन की मिली स्वीकृति, 25 सौ वर्गफुट में बनेगा महत...

राजभवन परिसर में अधिकारियों-कर्मचारियों ने की साफ-सफाई

राज्यपाल से मिले हाई स्कूल के विद्यार्थी

राज्यपाल रमेन डेका बने छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में टीबी मर...

मुख्यमंत्री साय ने जापान पहुंचने के बाद सबसे पहले टोक्यो स्थ...

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का ...

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ 2025 की र...

छत्तीसगढ़ के धान ने आकर्षित किया उज्बेकिस्तान के वैज्ञानिकों ...