Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्‍तीसगढ़ के छात्रों का एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट में होगा रजिस्ट्रेशन

   रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में अगले शिक्षा सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में कई बड़...

 

 रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में अगले शिक्षा सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। यूजी के छात्रों के लिए एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट लागू किया जाएगा, इसके सभी छात्रों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। इसमें रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी संबंधित कालेज और विश्वविद्यालयों की होगी। इससे छात्रों को बहुत सुविधा मिलेगी। छह महीने की पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय बदलना चाहते हैं तो उन्हें आसानी से दूसरी जगह प्रवेश मिल जाएगा।शैक्षणिक सत्र के बीच में कई बार छात्रों के पैरेंट्स का ट्रांसफर हो जाते हैं। ऐसे समय में पैरेंट्स के सामने बच्चों की पढ़ाई की चिंता बढ़ जाती है। एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट के माध्यम से एक सेमेस्टर या एक वर्ष की पढ़ाई के बाद छात्रों को असानी से दूसरे विश्वविद्यालय में मिल जाएगा। इससे छात्र यूजी की पढ़ाई के दौरान भी अलग-अलग विश्वविद्यालय में पढ़कर डिग्री ले सकता है। प्रवेश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट की होगी। इसके अलावा यूजी के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू होंगे। जानकारों ने बताया कि आने वाले दिनों में पूरे देश में स्नातक कक्षाओं के पाठ्यक्रम एक जैसे ही रहेंगे। इससे छात्रों को बड़ा फायदा होगा। देशभर में जाकर किसी भी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर सकेंगे। स्नातकोत्तर(पीजी) कक्षाओं में अलग-अलग पाठ्यक्रम संचालित होते रहेंगे। पीजी कक्षाओं में विश्वविद्यालय अपने स्तर पर स्पेशलाइजेशन कोर्स चलाते हैं। इससे पीजी कक्षाओं में समान कोर्स चला पाना संभव नहीं है। यूजी कक्षाओं के पाठ्यक्रम समान रहेंगे,इनमें सबसे बड़ी भूमिका क्रेडिट बैंक की होगी।15 घंटे की पढ़ाई को एक क्रेडिट माना जाता है।  च्च शिक्षा विभाग ने यूजीसी द्वारा जारी किए गए स्नातक स्तर के करिकुलम एवं क्रेडिट फ्रेमवर्क के आधार पर सेमेस्टरवाइज नया पाठ्यक्रम बनाना शुरू हो गया है। उच्च शिक्षण संचालनालय ने तीन संकायों(विज्ञान, कला और वाणिज्य) के लिए अलग-अलग 25 समितियां गठित कर दी है। समिति नया पाठ्यक्रम तैयार कर हार्ड और साफ्ट कापी समन्वय शाखा को 20 अप्रैल तक उपलब्ध कर देगा। स्नातक स्तर के लिए विषयवार समितियों में सदस्यों को नियुक्त किया गया है। विज्ञान संकाय के लिए 11 समितियां गठित है। कला संकाय के लिए 13 और वाणिज्य संकाय के लिए सिर्फ एक समिति गठित की गई है।इसमें 21 समितियों में संयोजक समेत पांच-पांच सदस्य, दो समिति में सात-सात सदस्य, एक कमेटी में तीन और एक कमेटी में दो सदस्य हैं। नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक का प्रविधान है। चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम छात्रों के लिहाज से अच्छे हैं। जैसे, इसमें मल्टी एक्जिट और मल्टी एंट्री का सिस्टम है। इसके तहत छात्र किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं तो वे बाद में फिर कोर्स पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अवसर मिलेगा। हालांकि यह कोर्स उन्हें छह वर्ष के भीतर पूरा करना होगा। स्नातक में एक वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्रों को सर्टिफिकेट, दो साल पढ़ाई करने पर डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। इसी तरह इस कोर्स में चार साल की पढ़ाई का अवसर उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्हें तीसरे वर्ष या छठवें सेमेस्टर में 7.5 क्यूम्लेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) आएगा। इसके तहत चार ईयर रिसर्च डिग्री या फिर आनर्स की डिग्री मिलेगी।

No comments