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'होइए वही जो राम रचि राखा...' कैसरगंज से टिकट के सवाल पर बृजभूषण ने दिया ये जवाब

  

नई दिल्‍ली लखनऊ। यूपी की सिर्फ दो लोकसभा सीटें ऐसी रह गई हैं जिन पर बीजेपी ने अभी तक अपने पत्‍ते नहीं खोले हैं। इनमें से एक कैसरगंज लोकसभा सीट से दावेदार सांसद बृजभूषण सिंह ने गुरुवार को टिकट के बारे में पूछे जाने पर श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई दोहरा दी। बृजभूषण ने कहा, 'होइए वही जो राम रचि राखा।'  अब बृजभूषण सिंह की इस प्रतिक्रिया के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

बता दें कि अभी दो दिन पहले ही बीजेपी ने देवरिया और फिरोजाबाद से अपने उम्‍मीदवारों के नामों का ऐलान किया था लेकिन कैसरगंज और रायबरेली को लेकर सस्‍पेंस बरकरार है। हालांकि, विपक्षी दलों ने भी कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की। कैसरगंज फिलहाल बृजभूषण शरण सिंह भाजपा के सांसद हैं। सियासी उठापटक के बीच कैसरगंज सीट के उम्मीदवार को लेकर संस्पेंस बरकरार है। इसको लेकर जिले में गली-नुक्कड़ पर जुबानी जंग जारी है।

बृजभूषण पर टिकी हैं निगाहें
कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बीजेपी टिकट देती है या नहीं इस पर देश भर के लोगों की नज़रें टिकी हैं। भारतीय कुश्‍ती संघ के अध्‍यक्ष रह चुके बृजभूषण शरण सिंह पर कुछ समय पहले महिला पहलवानों ने शोषण के आरोप लगाए थे। ये मामला अदालत में चल रहा है। माना जा रहा है कि इसी वजह से बीजेपी इस सीट पर प्रत्‍याशी घोषित करने से बच रही है।

तरह-तरह की हैं चर्चाएं
बृजभूषण शरण सिंह और कैसरगंज सीट को लेकर तरह-तरह की चचाएं हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी शुरुआती तीन चरणों के मतदान के बाद ही इस सीट पर फैसला लेगी। पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को एक बार फिर मौका दे सकती है या फिर उनके बजाए उनकी पत्‍नी को मैदान में उतार सकती है। उनकी पत्‍नी एक बार सांसद रह भी चुकी हैं। तब बृजभूषण जेल में थे और उनकी पत्‍नी ने चुनाव जीत लिया था।

वर्ष 1991 में राम लहर के बीच हुए लोकसभा चुनाव में गोंडा सीट से बृजभूषण शरण सिंह सांसद चुने गए। राम मंदिर आंदोलन के दौरान उनका नाम तेजी से उभरा था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार आनंद सिंह उर्फ अन्नू भैया को 102984 वोटों से शिकस्त दी थी। इसके बाद अंडरवर्ल्ड से रिश्तों के आरोप में बृजभूषण को टाडा के तहत गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया। हालांकि, बाद में इस मामले में वह बेदाग बरी हुए। इसी बीच 1996 में हुए चुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी को केतकी देवी सिंह को चुनाव में उतारा। उन्होंने सपा उम्मीदवार आनंद सिंह भारी अंतर से हराया था।


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