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छत्‍तीसगढ़ में 2009 से 2019 तक 68 प्रतिशत प्रत्याशियों की जमानत हुई जब्त

    रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में निर्दलीय, तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जनाधार का अंदाजा इस रिपोर्ट से लगाया जा सकता है कि 2009 से लेकर 2019 ...

 

  रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में निर्दलीय, तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जनाधार का अंदाजा इस रिपोर्ट से लगाया जा सकता है कि 2009 से लेकर 2019 तक प्रदेश में 67 से लेकर 68 प्रतिशत प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो रही है। रायपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव में 25 प्रत्याशियों में से 23 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी, वहीं 2009 से लेकर 2019 तक कुल 317 प्रत्यशियों की जमानत जब्त हो गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 166 प्रत्याशियों में से 144 की जमानत जब्त हो गई। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को सुरक्षा के रूप में 10,000 रुपये और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 25,000 रुपये की धन राशि के जमानत के रूप में जमा करनी होती है। तय वोट न मिलने पर यह राशि जब्त हो जाती है,वहीं तय वोट से ज्यादा मिलने पर राशि वापस हो जाती है। चुनाव आयोग के नियम व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34(1)(ए) के अनुसार चुनाव में किसी उम्मीदवार को कुल पड़े वोटों का 1/6 फीसदी हासिल नहीं होता है तो उस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो जाती है। यह नियम चुनाव में भी लागू होता है। उदाहरण के लिए यदि किसी विधानसभा सीट पर 1,00,000 वोटिंग होने पर उम्मीदवार को 16,666 से अधिक वैध वोट मिलने पर ही जमानत की राशि वापस मिलेगी।

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