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विधायक से सांसद बने थे विजय बघेल,करते थे सरकारी नौकरी

 भिलाई। वर्ष 2000 में पार्षद और 2008 में विधायक बनने वाले विजय बघेल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और पहल...

 भिलाई। वर्ष 2000 में पार्षद और 2008 में विधायक बनने वाले विजय बघेल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और पहली बार सांसद बने थे। प्रदेश के इतिहास में पहली बार तीन लाख 90 हजार 652 मत पाकर विजयी होने वाले वे पहले प्रत्याशी हैं।  बघेल ने बताया कि यह चुनाव मैंने उस समय जीता जब दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, पीएचई मंत्री और कृषि मंत्री का दबदबा था। इसके अलावा दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के नौ में से आठ विधायक कांग्रेस पार्टी के थे। उन परिस्थितियों में भी हजारों कार्यकर्ताओं की मेहनत ने सभी विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा को बड़ी लीड दिलाई थी। पहली बार लोकसभा में प्रवेश के पूर्व वहां पर उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रणाम कर कहा कि उनके कारण ही वह लोकसभा के द्वार पर पहुंचे हैं। कभी विजय बघेल, भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी हुआ करते थे। भाजपा ने उन्हें वर्ष 2008 में पाटन से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया था। चुनाव जीतने के बाद वे संसदीय सचिव गृह एवं जेल सहकारिता बनाए गए थे। इसके पूर्व वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक वे भिलाई चरोदा नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव भी जीता था।   बघेल ने कहा कि 17वीं लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनी। उसमें कई ऐसे कार्य हुए, जिन्होंने इतिहास रच दिया है। धारा 370 हटाकर कश्मीर को पहचान दी गई। कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष, तीन तलाक, राम मंदिर निर्माण, नई लोकसभा भवन निर्माण के ऐसे कार्य हैं, जिसमें सम्मिलित होने का उन्हें सौभाग्य मिला। उन्होंने बताया कि वह ऐसे सांसद हैं जिन्हें पुरानी और नई, दोनों ही संसद भवन में बैठने का अवसर मिला है। बघेल ने कहा कि सांसद निधि से करोड़ों के कार्य किए गए है। इसका लाभ जनता को मिल रहा है। विजय बघेल ने बताया कि लोकसभा प्रक्रिया के तहत बजट भाषण में भी उन्होंने अपनी बात रखी। इसके अलावा शून्यकाल, प्रश्नकाल और 377 के तहत 30 बार लोकसभा में उन्हें बोलने का मौका मिला है, जो एक रिकार्ड है। 

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