Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

अगले हफ्ते लागू हो सकती है आचार संहिता

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। आचार संहिता के लागू होते ही चुनाव की तारीखों से भी पर्दा हट जाएगा। राजनीतिक ...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। आचार संहिता के लागू होते ही चुनाव की तारीखों से भी पर्दा हट जाएगा। राजनीतिक पार्टियों ने भी चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर रैलियों-सभाओं को तेज कर दिया है। राज्य सरकार ने एक के बाद एक लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों पर रोक लग जाएगी। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनाव तारीखों की घोषणा केंद्रीय चुनाव आयोग के जरिए होगा। छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की सीईओ रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। चुनाव तारीखों की घोषणा से ही आचार संहिता स्वमेव लागू हो जाएगी। प्रशासनिक स्तर पर हमने 90 विधानसभा में मतदान की पूर्व तैयारियां पूरी कर ली है। प्रदेशभर में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो निर्वाचन आयोग ने 6 अक्टूबर 2018 के दिन चुनाव का ऐलान किया था। दो चरणों में हुए चुनाव में पहला मतदान 12 नवंबर को 18 सीटों पर और दूसरा मतदान 20 नवंबर को 72 सीटों पर हुआ था। छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतकर छत्तीसगढ़ में जबरदस्‍त वापसी की और भाजपा से राज्य की सत्ता छीन ली। वहीं भाजपा महज 15 सीटों पर सिमट गई। जबकि, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को सात सीटें मिलीं। छत्तीसगढ़ में कुल 33 जिलों में 90 विधानसभा सीट है, जिसमें कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।  इस बार नक्सलगढ़ यानी बस्तर के लिए विधानसभा चुनाव कुछ अलग होगा। दरअसल, निर्वाचन कार्यालय ने यहां बस्तर संभाग में 143 नए मतदान केंद्र बनाए हैं। इसके पीछे मंशा यह है कि ग्रामीणों को मतदान के लिए कम से कम दूरी तय करनी पड़े, क्योंकि हर कदम पर यहां जिंदगी दांव पर होती है। नक्सली मतदान का विरोध करते हैं। अब यहां मतदाताओं को 5 से 25 किमी. चलना नहीं होगा बल्कि अधिकतम दो किमी. की दूर तय करके मतदान केंद्र की सुविधा मिलेगी। चार अक्टूबर को निर्वाचन कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रिकार्ड 2 करोड़ 3 लाख 60 हजार 240 मतदाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 1.85 करोड़ मतदाताओं ने चुनावी महासमर में हिस्सा लिया था। निर्वाचन के आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष प्रदेश में सात लाख 19 हजार 825 मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है। मतदाता पुनरीक्षण में 2 लाख 90 हजार 874 नामों को फार्म-7 के आधार पर विलोपित भी किया गया है। छत्तीसगढ़ में इस विधानसभा चुनाव के लिए 24109 बूथ चिन्हित किए गए हैं, जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 23 हजार 677 बूथ बनाए गए थे। मतदाताओं की संख्या में वृद्धि के बाद पोलिंग बूथों की संख्या में भी वृद्धि की गई है। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने बताया कि विधानसभा चुनाव में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 150 कंपनियां मोर्चा संभालेगी। केंद्र और राज्य सुरक्षा बलों के जवान हर मोर्चे पर तैनात रहेंगे। उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकें ली थी। चुनाव प्रक्रिया पर रणनीति दो महीने पहले ही तैयारी की जा चुकी है अब सिर्फ तारीखों की घोषणा बाकी है। 

No comments