भोपाल। हाकी की नर्सरी ऐशबाग स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टर्फ बिछाया जा चुका है। अब खेल एवं युवा कल्याण विभाग यहां हाकी इंडिया के ...
भोपाल।
हाकी की नर्सरी ऐशबाग स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर का टर्फ बिछाया जा
चुका है। अब खेल एवं युवा कल्याण विभाग यहां हाकी इंडिया के मापदंड के
अनुसार लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से पवेलियन का निर्माण करने जा रहा है।
15 अगस्त से इसका काम शुरू हो जाएगा और दिसंबर तक इसके पूरे होने की
उम्मीद है। इसके बनने भविष्य में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन
यहां हो सकेंगे। गौरतलब है कि वर्ष 1931 में अस्तिव में आए ऐशबाग स्टेडियम
ने अपने 90 साल के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस दौरान कई ओलिंपियन
निकले, जिन्होंने अपने खेल से देश का नाम रोशन किया। 90 के दशक में वहा
पहली बार टफ बिछी थी। इसके बाद 2008 में जब यह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुई तो
2009 में दूसरी बार टर्फ लगाई गई। तीसरी बार चार करोड़ रुपये की लागत से
इस वर्ष नीली आकर्षक टर्फ बिछी ऐशबाग स्टेडियम में हाकी के मापदंड के
अनुसार नई नीली टर्फ बिछा दी गई है। इससे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर
की तैयारी करने का मौका मिलेगा। इस दौरान पुरानी बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर
हो गई थी, जिसे तोड़ दिया गया है। अब फिर नई बिल्डिंग बन रही है, जिसमें
पवेलियन भी होगा। उल्लेखनीय है कि ऐशबाग स्टेडियम राजधानी के पुराने शहर
में मौजूद है और यहां के दर्शक हाकी के इतने जानकार है कि उन्हें खिलाड़ियों
के हर मूवमेंट का पता होता है। यहां से बड़े-बड़े ओलिंपियन निकले है और
अपना नाम काम कमाया है। यही नहीं खिलाड़ियों की हौसला का खेल उन्हें भा गया,
वो स्टार बन जाता है और जिस स्टार खिलाड़ी का साथ उनकी स्टिक ने नहीं
दिया, उसे हूटिंग का सामना करना पड़ता है। देशभर के खिलाड़ियों का सपना
भोपाल में होने वाले औबेदुल्ला गोल्ड कप में खेलना होता है। बिल्डिंग बनने
के बाद उम्मीद है कि औबेदुल्ला का और अन्य टूर्नामेंट शुरू होने से हाकी की
नर्सरी एक बार फिर से हरी हो जाएगी।
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