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'छत्तीसगढ़ में पर्यावरण एवं आर्थिक लेखांकन मूर्त एवं अमूर्त उत्पादन विषय’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला 23 मार्च से रायपुर में

  पर्यावरण की मूर्त और अमूर्त उत्पादन को मापने के लिए सिस्टम का निर्माण पर किया जाएगा विचार-विमर्श रायपुर  । आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्व...

  पर्यावरण की मूर्त और अमूर्त उत्पादन को मापने के लिए सिस्टम का निर्माण पर किया जाएगा विचार-विमर्श
रायपुर  । आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा ‘‘छत्तीसगढ़ में पर्यावरण एवं आर्थिक लेखांकन मूर्त एवं अमूर्त उत्पादन‘‘ विषय पर 23 मार्च से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला राजधानी रायपुर के व्हीआईपी रोड स्थित ग्रांड इम्पिरिया हॉटल में सवेरे 9ः30 बजे से आयोजित की जाएगी।  कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों के पर्यावरणविद् और सांख्यिकी विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में ख्याति प्राप्त सांख्यिकीविद और प्रोफेसर पर्यावरण की मूर्त और अमूर्त उत्पादन को मापने हेतु सिस्टम (methodology) के निर्माण पर व्याख्यान देंगे। इसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय केे उप महानिदेशक एवं निदेशक स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 44 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है। तीन नदी प्रणाली छत्तीसगढ़ की धरती को सींच रही हैं। राज्य में पर्यावरण आर्थिक एकाउण्ट में प्राकृतिक संसाधन, स्टॉक लेवल, समय विशेष पर स्टॉक में होने वाले परिवर्तन तथा आर्थिक गतिविधियां जो पर्यावरण के मूर्त रूप और अमूर्त उत्पादों का ब्यौरा रखना आवश्यक है। यह ब्यौरा निर्णय, निर्माण और भविष्य की नीति बनाने, संसाधनों के संरक्षण तथा सतत् विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा। इससे राज्य के रिसर्च की सही मैपिंग करने और उसे सटीक रूप से मापने में भी मदद मिलेगी।

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