Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Sunday, July 27

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

13 मार्च को अमरकंटक (म.प्र.) में राष्ट्रीय धुर पंचमी (सृष्टि दिवस) एवं बड़ादेव महापूजन –प्राकृतिक होली, गोंडवाना मांदी "सामूहिक महाभोज"

रायपुर । विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी चैत्र पंचमी अंधियारी पक्ष के पावन अवसर पर दिनांक 13 मार्च 2023 को गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समित...


रायपुर । विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी चैत्र पंचमी अंधियारी पक्ष के पावन अवसर पर दिनांक 13 मार्च 2023 को गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं गोंडवाना संघ-छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा इत्यादि राज्यों के संयुक्त तत्वावधान में रूढ़ीगत, प्रथा, परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु सामाजिक सहयोग से परम् श्रद्धेय गोंडवाना गुरूददा, गुरूदाई जी के सानिध्य में नार अमूरकोट (अमरकंटक), तहसील पुष्पराजगढ़, जिला अनुपपुर (मध्यप्रदेश) की पावन धरा में राष्ट्रीय धुर पंचमी (सृष्टि दिवस) का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया है। इस पावन देवभूमि में प्रकृति शक्ति बड़ादेव जी, आराध्य देवी देवताओं की पारंपरिक सेवा अर्जी, पुरखापेन के साथ फाग गीत व नगाड़े की थाप सु-मधूर धुन से प्राकृतिक होली (परसा फूल के रंगों से) खेली जाती है। वहीं परम् श्रद्धेय गुरूददा जी द्वारा अपने संदेश में धुर पंचमी का सांस्कृतिक महत्व, प्रकृति के संरक्षण, संवर्धन व विश्व बन्धुत्व, कल्याण का संदेश भी दिया जाता है इस पावन पर्व पर गुरूददा, गुरूदाई के आशीर्वाद से उपस्थित लाखों गोंडियनजनों को गोंडवाना मांदी के तहत् "सामूहिक महाभोज" भी कराया जायेगा। आयोजक समिति द्वारा मान. राष्ट्रपति महोदया एवं माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित निवेदन पत्र भी सौंपा जायेगा। गोंडी धर्म को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर, पृथक धर्म कोड आबंटित किया जावे। जनगणना प्रपत्र के कॉलम में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध एवं जैन धर्म इत्यादि के अलावा भी अन्य धर्म के मानने वालों के लिए पृथक से अन्य धर्म का कॉलम जोड़े जाये, ताकि अन्य धर्मी भी अपने धर्म का स्पष्ट उल्लेख कर सकें। भारत देश के आदिवासी, मूलनिवासी (अनुसूचित जनजाति) को प्राप्त संवैधानिक एवं मौलिक अधिकारों की रक्षा की जाये, ताकि उन्हें प्राप्त अधिकारों का हनन, आये दिन उनके साथ हो रहे अन्याय अत्याचार, उत्पीड़न को तत्काल रोका जा सके। उद्देश्य - विलुप्त हो रही धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखने, वृहत गोंडवाना समाज को संगठित करने, लोगों में प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन की भावना जागृति करने, विश्व बन्धुत्व की भावना को बढ़ावा देने, स्वास्थ्यगत लाभ हेतु आयुर्वेदिक ज्ञान समर्पित करना इत्यादि। इस कार्यक्रम की जानकारी प्रांत अध्यक्ष चन्द्रभान नेताम विजय तुम रेकी  उपाध्यक्ष, गौकरण सिंह कुंजाम कोषाध्यक्ष , गजानंद नुरूटी प्रांता सचिव , टूम्मन ओटी रायपुर नगर अध्यक्ष , उक्त जानकारी सभी सदस्यों ने दी  ।

No comments

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगेंगे 400 नए बीएस...

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय श्रावण सोमवार को भोरमदेव में ...

“छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार प्...

“कुतुब मीनार से ऊँचा जैतखाम सतनामी समाज का गौरव है” : मुख्यम...

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सावन माह में प्रस्तुत की सनातन...

बिल्हा ने देशभर में बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान – स्वच्छता में द...

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' में बिल्हा की ...

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से केंद्रीय संचार एवं ग्रामी...

आदिवासी युवाओं को मिलेगी नई उड़ान: मुख्यमंत्री श्री साय की प...

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर: छत्तीसगढ़ के लि...