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छत्तीसगढ़ शराब व्यसन मुक्ति अभियान: 2 हजार 626 वाहिनी गठित

  नशे के दुष्परिणामों के प्रति जनता को करेंगे जागरूक समाज कल्याण विभाग की निगरानी में अभियान शुरू रायपुर। लोगों को व्यसन के दुष्प्रभाव से जा...

 

नशे के दुष्परिणामों के प्रति जनता को करेंगे जागरूक
समाज कल्याण विभाग की निगरानी में अभियान शुरू

रायपुर। लोगों को व्यसन के दुष्प्रभाव से जागरूक करने और व्यसन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में 2 हजार 626 भारत माता वाहिनी का गठन किया गया है। इन वाहिनियों के माध्यम से समाज कल्याण विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में नशा मुक्ति के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने व्यसन मुक्ति अभियान को लेकर विशेष तौर पर निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत भारत माता वाहिनी योजना का संचालन किया जा रहा है। नशामुक्ति अभियान के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में ग्राम स्तर से लेकर जिला एवं राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में अब तक बस्तर जिले में 94 वाहिनी, सुकमा जिले में 42, नारायणपुर जिले में 28, महासमुंद जिले में 71, जांजगीर-चांपा जिले में 131, कबीरधाम जिले में 62, राजनांदगांव जिले में 144, कोरिया जिले में 82, जशपुर जिले में 133, बेमेतरा जिले में 69, धमतरी जिले में 73, मुंगेली जिले में 56, बालोद जिले में 94 वाहिनियों का गठन कर लिया गया है, इसी तरह कोरबा जिले में 95, दुर्ग जिले में 57, सूरजपुर जिले में 118, रायगढ़ जिले में 176, कोण्डागांव जिले में 99, बीजापुर जिले में 80, गरियाबंद जिले में 100, कांकेर जिले में 140, बलरामपुर जिले में 120, रायपुर जिले में 80, दंतेवाड़ा जिले में 80, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 60, बिलासपुर जिले में 80, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 121, सरगुजा जिले में 141 इस प्रकार कुल 2626 भारत माता वाहिनी गठित की गई हैं।
समाज कल्याण विभाग द्वारा हर तीन महीने में गठित वाहिनियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। वहीं जिला कार्यालय की ओर से एक निश्चित अंतराल में कार्यों एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन संचालक समाज कल्याण संचालनालय को प्रस्तुत किया जाएगा।
नशामुक्ति के लिए समाज में जनजागरूकता के होंगे प्रयास
ग्राम पंचायतों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा नशामुक्ति के पक्ष में रैली, प्रभात फेरी, व्यसन से होने वाले दुष्परिणामों का प्रचार-प्रसार, नारे, दीवार लेखन, पोस्टर, पॉम्पलेट, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनसामान्य में नशामुक्ति के लिए जागरूकता विकसित करने का कार्य किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर नशा पीड़ितों के सर्वेक्षण, नशामुक्ति की प्रेरणा और उपचार के लिए विभाग अंतर्गत संचालित नशामुक्ति केन्द्रों में भर्ती कराने की कार्यवाही की जाएगी। नशामुक्ति अभियान के परीक्षण, निरीक्षण और अनुश्रवण की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
भारत माता वाहिनी में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्त महिला, तृतीय लिंग के व्यक्तियों को प्राथमिकता -
योजना के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया जा रहा है। इस समिति में महिला अध्यक्ष और समूह में अधिकतम तीन पुरुष सदस्य शामिल होते हैं। सदस्यों के चयन में दिव्यांग, विधवा, परित्यक्त महिला, तृतीय लिंग के व्यक्ति, बौने व्यक्ति, नशामुक्त हो चुके व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाती है। भारत माता समूह को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं सदस्यों का नाम ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद संयुक्त/उप संचालक जिला कार्यालय समाज कल्याण में पंजीयन के लिए आवेदन करना होता है। इसके अलावा जिला एवं राज्य स्तर पर भी भारत माता वाहिनी समिति का गठन किया जा रहा है।

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