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डंगनिया खदान बस्ती में गोबर के ढेर बने मुसीबत, दुर्गंध और गंदगी से रहवासी त्रस्त

 रायपुर। रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांंक्षी गोधन न्याय योजना शहरों में कुछ क्षेत्र के रहवासियों के लिये मुसीबत बनती दिख रही है। कई गोब...


 रायपुर। रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांंक्षी गोधन न्याय योजना शहरों में कुछ क्षेत्र के रहवासियों के लिये मुसीबत बनती दिख रही है। कई गोबर खरीदी केंद्रों के पास गोबर का पहाड़ खड़ा हो गया है। इस ढेर की वजह से आसपास की आबादी के साथ मवेशी भी परेशान हैं।रायपुर के डंगनिया खदान बस्ती के गोबर खरीदी केंद्र में गोबर रखने की जगह नहीं बची है। ऐसे में पास की खाली जमीन पर गोबर को रख दिया गया है। पिछले दो महीने से वहां रखा जा रहा गोबर अब बड़ा ढेर बन चुका है। गाय-भैंस जैसे मवेशी उसमें फंस जा रहे हैं। वहां फंसी एक गाय को स्थानीय लोगों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला है। आसपास के लोग गोबर के ढेर से उठ रही दुर्गंध और नये तरह के कीड़े-मकोड़ों से परेशान हो चुके हैं। डंगनिया बस्ती के पंकज ठाकुर ने बताया, पिछले कुछ समय से बस्ती की दिक्कतें बढ़ गई हैं। कीड़े-मकोड़ों की वजह से कभी-कभी खाना खाना मुश्किल हो गया है। ठाकुर का कहना था, अगर बरसात हो गई तो हमारी मुसीबत बढ़ जाएगी। यह गोबर बहकर हमारे घरों में घुस जाएगा। आसपास के गड्ढों में भर जाएगा। गोबर खरीदी केंद्र में कम्पोस्ट और गोबर के कंडे बना रहे महिला स्व-सहायता समूह की पुष्पा वर्मा का कहना था, पास की जमीन पर दो महीने से गोबर रखा जा रहा है। उसको सुरक्षित रखने के लिये बाउंड्री वॉल का प्रस्ताव है। नाप-जोख हो चुका है। जल्दी ही उसके बन जाने की उम्मीद है।

प्रशासन को इतने गोबर की उम्मीद ही नहीं थी

इस मामले में प्रशासन का अनुमान गलत साबित हुआ है। रायपुर नगर निगम जोन-5 के आयुक्त चंदन शर्मा ने बताया, जब योजना शुरू हुई थी तो शहरी केंद्रों में इतना अधिक गोबर आने की उम्मीद नहीं की गई थी। शुरूआत में योजना थी कि बचा हुआ गोबर गोकुल नगर की गोठान में रखा जाएगा। लेकिन जब गोबर आना शुरू हुआ तो बड़ी मात्रा की वजह से परिवहन में दिक्कत आने लगी। उसके बाद उसे केंद्र के पास की सरकारी जमीन पर रखवा दिया गया। जोन आयुक्त चंदन शर्मा ने कहा, बरसात को लेकर उनकी चिंताएं भी हैं। अगर बरसात हुई तो वह गोबर बह सकता है। ऐसे में उस जमीन के चारो तरफ के बाउंड्रीवॉल का प्रस्ताव है। वह बाउंड्रीवॉल जल्दी ही बन जाएगी। उसके बाद गोबर कुछ हद तक सुरक्षित हो जाएगा। रहवासियों को भी राहत मिलेगी। जोन आयुक्त ने बताया, वे कम्पोस्ट बनाने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अभी बहुत तेजी से कम्पोस्ट बिक रहा है, लेकिन सीमित संख्या में टांके होने की वजह से हम उतना बना नहीं पा रहे हैं।


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