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विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने रिक्त पदों पर भर्ती की कार्रवाई प्राथमिकता से करें- राज्यपाल रमेन डेका

  छात्रों की शिकायतों और तनाव प्रबंधन पर विश्वविद्यालय विशेष रूप से ध्यान दें राज्यपाल ने ली शासकीय विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक रायपुर ...

 

छात्रों की शिकायतों और तनाव प्रबंधन पर विश्वविद्यालय विशेष रूप से ध्यान दें

राज्यपाल ने ली शासकीय विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक

रायपुर । राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री रमेन डेका ने आज प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियोें की बैठक लेकर विश्वविद्यालयों के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए रिक्त पदों पर भर्ती की कार्रवाही को प्राथमिकता से करने कहा। उन्होंने सभी कुलपतियों से कहा है कि वे डीन स्टूडेंट वेलफेयर को सक्रिय करें और विद्यार्थियों की शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए समय पर निराकरण सुनिश्चित करें। राज्यपाल ने सोशल मीडिया के इस दौर में छात्रों के तनाव प्रबंधन पर भी विशेष बल दिया है।
राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में आज आयोजित बैठक में राज्यपाल श्री डेका ने विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की। श्री डेका ने कहा कि विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। विश्वविद्यालयों में स्थाई रजिट्रार नियुक्त हो। आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाए जिससे विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि जब रिक्त पदों पर समय पर भर्ती होगी और प्रमोशन होंगे तब ही छत्तीसगढ़ के प्रोफेसर को कुलपति बनने का अवसर मिल सकेगा। बैठक में उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से रिक्त पदों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लंबे समय से टीचिंग स्टाफ की भर्ती नहीं होने से शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय नेक ग्रेडिंग प्राप्त करे और गुणवत्ता में सुधार लाए। राज्यपाल ने प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए सभी टीचिंग स्टाफ को वापस बुलाने के निर्देश दिए।

श्री डेका ने कृषि विश्वविद्यालय को निर्देश दिए कि किसानो को पारंपरिक फसल के स्थान पर लाभप्रद फसल के लिए प्रोत्साहित करें। टमाटर के विपणन पर  विशेष ध्यान देने कहा ताकि उन्हें खराब होने से बचाया जा सके। खाद्य उत्पादन और आपूर्ति में संतुलन होना चाहिए। उद्यानिकी विश्वविद्यालय को स्व-सहायता समूहों के साथ मिलकर कार्य करने कहा गया। राज्यपाल ने कुलपतियों से कहा कि वर्ष में एक बार एलुमिनाई मीट (पूर्व छात्रों का सम्मेलन) करंे। कुलपतियों से कहा गया है कि वे कॉलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करंे और साल में दो बार प्राचार्यों के साथ बैठक करंे। विश्वविद्यालयों को रिसर्च एवं डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की जानकारी लेते हुए कहा कि कुलपति अपने अधिनष्ठ कॉलेजों के प्राचार्याे को इसकी संपूर्ण जानकारी दें। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए सभी कुलपति आपस में बैठक कर अपने सुझाव और अनुभव साझा करें। उन्होंने विश्वविद्यालयों, विशेष कर व्यवसायिक और तकनीकी विश्वविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया।
बैठक के प्रारंभ में राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने समीक्षा बैठक के मुख्य बिन्दुओं की जानकारी दी। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बारी-बारी से प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन, राजभवन की उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।

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