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बस हादसा: अब तक 51 मौत : चार एक ही परिवार के, किसी के सामने मां डूबी, तो किसी के सामने पोता और बहू

  पोस्टमार्टम के लिए डाक्टर भी पड़ गये कम सीधी। बस हादसे में मौत का आंकड़ा अब 51 पहुंच गया है, जबकि 5 लोगों की तलाश अब भी जारी है। इससे पहले ह...


 पोस्टमार्टम के लिए डाक्टर भी पड़ गये कम
सीधी। बस हादसे में मौत का आंकड़ा अब 51 पहुंच गया है, जबकि 5 लोगों की तलाश अब भी जारी है। इससे पहले हादसे में कल 47 लोगों का शव मिला था, आज सुबह फिर से सर्च आपरेशन चलाया गया, जिसमें 4 और डेडबॉडी मिली। इधर इस घटना में आरोपी ड्राइवर को देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मृतक में 5 माह की एक बच्ची भी शामिल हैं, जबकि अधिकांश मृतक छात्र व छात्राएं हैं। मृतकों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
नजर के सामने किसी की मां डूबी, तो किसी का भाई
हादसे में जिंदा बची स्वर्णलता अपनी मां के साथ सतना परीक्षा देने जा रही थी। फुल स्पीड में चल रही बस नहर में डूबने से पहले तीन से चार बार पलटी भी खायी। स्वर्णलता को सीट नहीं मिली थी, इसलिए वो खड़ी थी, जबकि उसकी मां बैठी थी। जैसे ही नहर में बस गिरी वो दूर जा गिरी और फिर लोगों की मदद से बाहर आ गयी, लेकिन स्वर्णलता के सामने ही उसकी मां डूब गयी।
हादसे में बचे सुरेश गुप्ता की कहानी भी ऐसी ही है, उनके नजर के सामने बहू और 2 साल का पोता डूब गया। सुरेश गुप्ता के मुताबिक नहर में तेज बहाव था, जैसे ही पानी में डूबी सुरेश गुप्ता किसी तरह से बाहर आ गये, लेकिन उनकी बहू और 2 साल का पोता अथर्व पानी में डूब गया। अर्चना जायसवाल की इस हादसे में जख्मी हो गयी। अर्चना अपने मकान मालिक हीरालाल के साथ नर्सिंग की परीक्षा दिलाने जा रहे थे। इस घटना में अर्चना की तो जान बच गयी, लेकिन उसके मकान मालिक हीरालाल शर्मा की मौत हो गयी। विभा अपने भाई के साथ नर्सिंग की परीक्षा देने जा रही थी। सतना पहले वो कभी गयी नहीं थी, इसलिए भाई साथ था। हादसे के बाद वो किसी तरह बस से निकल गयी। उसका भाई भी बस से बाहर आ गया, लेकिन पानी के तेज बहाव में विभा के हाथ से भाई की कलाई छूट गयी और भाई बह गया। अभी तक उसका शव भी नहीं मिला है।
शवों का लग गया तांता, डाक्टर भी कम पड़ गये
इस हादसे में अधिकांश छात्र-छात्राओं की मौत हुई है। अब तक 51 शव बरामद हो चुके हैं। शव को रामपुर लाया गया। इतनी बड़ी संख्या में शवों के पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में डाक्टर भी कम पड़ गये। मृतकों में 16 ऐसे लोग है. जिनकी उम्र 25 साल से भी कम है।

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