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कोरोना काल में जो रोजगार सहायक देवदूत बने उन्ही की अनदेखी, हड़ताल से करोड़ों के काम ठप

पिथौरा।  मनरेगा के रोजगार सहायको के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से करोडों रुपए के रोजगार मूलक कार्य ठप पड़ गए हैं। मजदूरों को काम नहीं...


पिथौरा।  मनरेगा के रोजगार सहायको के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से करोडों रुपए के रोजगार मूलक कार्य ठप पड़ गए हैं। मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है हड़ताल कब तक चलेगी स्पष्ट नहीं है किन्तु इतना निश्चित है की हड़ताल के चलते मजदूर रोजगार से वंचित हैं और पलायन को विवश हैं।
धरनारत रोजगार सहायक संघ के अध्यक्ष डाकेश्वर यादव ने दावा किया है कि अकेले पिथौरा ब्लॉक में 19 करोड़ से अधिक के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं और मनरेगा में कार्यरत 4000 से अधिक श्रमिक मनरेगा के कार्य से वंचित हो गए हैं। श्री यादव ने बताया की रोजगार सहायक 30 दिसम्बर से अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, हड़ताल के पूर्व पिथौरा जनपद की 126 पंचायतों में से 116 ग्राम पंचायतों में 19 करोड़ रुपये से अधिक के रोजगार मूलक कार्य चल रहे थे जो हड़ताल के कारण पूरी तरह बंद पड़ गए हैं। इसी तरह हड़ताल के पूर्व  लगभग 5000 श्रमिकों को पिथौरा ब्लॉक में रोजगार मिल रहा था जबकि वर्तमान में केवल सौ, डेढ़ सौ मजदूर ही एजेंसियो के माध्यम से काम पर लगे हुए हैं। अध्यक्ष श्री यादव ने शासन से अपील की है की हठधर्मिता छोड़कर शासन रोजगार सहायकों की तीनों जायज मांगों को पूर्ण करे, ताकि मनरेगा के कार्यों का पूर्ववत लाभ ग्रामीण मजदूरों को मिल सके। संघ ने कहा है की कितनी बड़ी विडम्बना है कि कोरोना काल में खतरों की परवाह न करते हुए जब सभी तरफ लॉकडाउन का दौर चल रहा था ऐसे नाजुक दौर में रोजगार सहायकों ने गांव-गांव में मनरेगा के काम सुचारू रूप से चलाए, जिसके कारण छत्तीसगढ़ कोरोना काल में मनरेगा से मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के मामले में अव्वल रहा किन्तु उन्ही रोजगार सहायकों को आज अपने हक़ की  लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है।

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