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अब ऊर्जा बना पर्यावरण का साथी, न बिजली जाती है न जेब पर भार पड़ता है

   हर दिन सूरज से ऊर्जा, हर महीने बचत की गारंटी अब न मीटर की रीडिंग की चिंता, न बिजली बिल का टेंशन   रायपुर । ऊर्जा क्रांति की दिशा में ...

  

हर दिन सूरज से ऊर्जा, हर महीने बचत की गारंटी

अब न मीटर की रीडिंग की चिंता, न बिजली बिल का टेंशन
 
रायपुर । ऊर्जा क्रांति की दिशा में लिए गए दूरदर्शी निर्णय आज लोगों के जीवन में राहत, सुकून और स्थायित्व का नया उजास भर रहे हैं। भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन की ऐसी जनकल्याणकारी और महत्वाकांक्षी योजनाएं अब केवल विकास की कहानियाँ नहीं, बल्कि आम परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाली हकीकत बन चुकी हैं। ये योजनाएं न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कारगर साबित हो रही हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने देशभर में लाखों परिवारों को राहत दी है, खुशियां दी है। इसमें बिजली के साथ बचत भी है। यह योजना पर्यावरण के संरक्षण और स्थायी ऊर्जा के उपयोग की ओर सशक्त कदम भी है।

कोरबा के डीडीएम रोड निवासी श्री आयुष अग्रवाल प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को अपनाकर काफी खुश हैं। कभी बिजली का बिल उनके लिए चिंता का विषय था। डीडीएम रोड पर स्थित उनके घर में बिजली की खपत ज्यादा है। उनका बड़ा संयुक्त परिवार है, घर में बिजली से चलने वाले कई उपकरणों का उपयोग होता है, इससे बिजली बिल ज्यादा आता था। घर की मासिक बजट व्यवस्था प्रभावित होती थी। आयुष बताते हैं, “पंखा, कूलर, फ्रिज और ए.सी. जैसे उपकरणों के उपयोग से बिजली की खपत ज्यादा होती थी। उनके यहां औसतन 700 यूनिट की खपत रहती ही है, गर्मियों में यह 1200-1300 यूनिट तक हो जाती है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में अपने जीजा से जानकारी मिलने के बाद आयुष ने योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने ताऊजी के नाम से आवेदन कर दस किलोवाट का पैनल लगवाया। योजना के तहत उन्हें सौर ऊर्जा पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी प्रदान की गई। कोरबा जिला प्रशासन और ऊर्जा विभाग द्वारा त्वरित रूप से सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर उनके घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कर दिए गए। वे कहते हैं कि सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी और तकनीकी मार्गदर्शन से मुझे पूरा भरोसा मिला। अब घर का बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है। पहले जहां हर महीने हजारों रुपये खर्च होते थे, अब वही पैसा बचत के रूप में जमा हो रहा है। इससे उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों ही स्तरों पर राहत मिली है। श्री आयुष अग्रवाल बताते हैं, “यह योजना न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी काफी लाभ हुआ है। अब मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं प्रदूषण फैलाने वाले साधनों पर निर्भर नहीं हूं। हम पूरी तरह सौर ऊर्जा पर चल रहे हैं, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है।”

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आयुष जैसे हजारों लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया है। अब वे न केवल अपनी जरूरत की बिजली स्वयं उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने पर बिजली को ग्रिड में भेजने पर भी विचार कर रहे हैं। यह योजना केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक नई ऊर्जा क्रांति है जो आर्थिक स्वतंत्रता के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दिशा में भी देश को आगे बढ़ा रही है।

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