Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Wednesday, June 11

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

लेखा प्रशिक्षण सत्र जुलाई-अक्टूबर के लिए लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के आवेदन 31 मई तक आमंत्रित

   रायपुर । संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदत्त अनुमति के अनुसार प्राचार्य शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला रायपुर द्वारा आगामी ले...

  

रायपुर । संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदत्त अनुमति के अनुसार प्राचार्य शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला रायपुर द्वारा आगामी लेखा प्रशिक्षण सत्र  जुलाई-अक्टूबर 2025 के लिए आवेदन पत्र 31 मई 2025 तक आमंत्रित किए गए हैं। संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा तीन वर्ष की नियमित सेवा पूरा कर चुके लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के निर्धारित प्रपत्र में प्रेषित आवेदन पत्र शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला, नगर घड़ी चौक रायपुर को 31 मई 2025 तक कार्यालयीन समय में प्राप्त हो जाना चाहिए। इस संबंध में शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला के प्राचार्य द्वारा स्पष्ट किया गया है कि लिपिकीय वर्गीय कर्मचारी से आशय ऐसे कर्मचारी से है, जिनकी पदस्थापना लिपिकीय संवर्ग के पद पर हुई है न कि किसी तकनीकी संवर्गीय पद पर है। इस तिथि के पूर्व एवं पश्चात प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन पत्र के साथ नोटराइज्ड शपथ-पत्र संलग्न होना अनिवार्य है। विज्ञप्ति के साथ संलग्न (छायाप्रति स्वीकार्य) मानक आवेदन पत्र पर ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन जिस सत्र के प्रशिक्षण हेतु किया गया है, उस सत्र के लिए ही मान्य होगा। पूर्व प्रचलित आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

No comments

रेल यात्री कृपया ध्यान दें:- तत्काल टिकट बुकिंग में बड़ा बदल...

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को घर-घर तक पहुंचा...

मोदी सरकार का कार्यकाल ऐतिहासिक रहा है,भारत आज चौथी बड़ी अर्...

मंडियों में किसानों को मूंग विक्रय का मिले उचित दाम : मुख्यम...

प्रदेश की 20 हजार 600 सुदूर बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने ...

छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना में पूर्ण पारदर्शिता बरती ज...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को घर-घर त...

सरकारी मेडिकल कॉलेज बनें जनता की पहली पसंद : स्वास्थ्य मंत्र...

खपरैल पलटने का खत्म हुआ सिलसिला, धुर साय को मिला पीएम आवास

सुरक्षित मातृत्व की ओर छत्तीसगढ़ का सशक्त कदम