Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Thursday, June 12

Pages

Classic Header

Top Ad

ब्रेकिंग :

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

जेनेटिक काउंसलिंग में समुदाय का सहयोग लिया जाए : राज्यपाल श्री पटेल

  समस्त रोगी और वाहकों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना ही लक्ष्य आयुष लोक स्वास्थ चिकित्सा शिक्षा समीक्षा बैठक हुई भोपाल : राज्यपाल श्री मंग...

 

समस्त रोगी और वाहकों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना ही लक्ष्य
आयुष लोक स्वास्थ चिकित्सा शिक्षा समीक्षा बैठक हुई


भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों में जेनेटिक काउंसलिंग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। जेनेटिक काउंसलिंग कार्य में मध्यस्थों की भूमिका की संभावनाओं पर कार्य करते हुए समुदाय का सहयोग प्राप्त किया जाए। उन्होंने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया आनुवंशिक रोग है। रोग को खत्म करने के लिए वैवाहिक और गर्भधारण संबंधी सावधानियां के बारे में सामुदायिक जन जागृति की दिशा में प्रभावी पहल जरूरी है। जेनेटिक काउंसलिंग कार्य में समुदाय के नेतृत्व और पंचायत पदाधिकारियों का सहयोग भी लिया जाना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि रोगी को स्वस्थ बनाने के सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रमाणित औषधियों और चिकित्सा पद्धतियों को स्वीकार किया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश के वनों में प्रचुर मात्रा में वन औषधियों की उपलब्धता है। इन औषधियों के सिकल सेल रोगी को स्वस्थ बनाने के अनुभवों और उपयोग के परीक्षणों के प्रमाणीकरण का कार्य व्यापक स्तर पर तेज गति से किया जाए। लक्ष्य समस्त रोगी और वाहकों को स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिकल सेल एक जटिल रोग है, जो लगभग 21 प्रकार के रोगों का कारण बन सकता है। जरूरी है कि रोग प्रबंधन के कार्य बहुआयामी और एकीकृत स्वरूप में किए जाएं। समस्त रोगियों की उपचार व्यवस्थाओं के साथ ही वाहकों को भी आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी सहयोग प्रदान किया जाए। स्वस्थ जीवन शैली के लिए मार्गदर्शन दिया जाए। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि रोग नियंत्रण प्रयासों को व्यक्ति केंद्रित किया जाए। हर स्तर पर औषधियों की पर्याप्त उपलब्धता हो। समस्त रोगियों और वाहकों को उपचार,औषधि और जेनेटिक काउंसलिंग की सेवाएं उपलब्ध हो। उन्होंने छात्रावासों के भोजन में लौह तत्व की उपलब्धता वाले खाद्य पदार्थों को जोड़ने की जरूरत बताई है। गर्भवती महिलाओं की सिकल सेल जांच, जेनेटिक परामर्श और नवजात शिशुओं के वैक्सीनेशन के प्लेटफार्म के रूप में आंगनवाड़ियों को शामिल करने के लिए कहा है।

बैठक में जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री के.सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव आयुष श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री संदीप यादव एवं अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

No comments

हम सभी की साझी भागीदारी से ही पर्यावरण संरक्षण का संकल्प होग...

विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आरोग्य मेलों में लोगों ने ली ...

धमतरी जिले में एक भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं, सभी स्कूलों मे...

युक्तियुक्तकरण का असर: कोंडागांव जिले में अब एक भी स्कूल शि...

सूरजपुर जिले की शालाएं बनीं शिक्षक युक्त, गुणवत्तापूर्ण शिक्...

युक्तियुक्तकरण से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में शिक्षा ...

प्रोजेक्ट युवा की पहली सफलता: सुनील, कीर्तन, भुवन ने शौक को...

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में ई-गवर्नेंस की ओर ब...

रेल यात्री कृपया ध्यान दें:- तत्काल टिकट बुकिंग में बड़ा बदल...

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को घर-घर तक पहुंचा...