बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में साल 2024 में सड़क दुर्घटना के 1156 मामलें पहुंचे हैं। इनमें से 343 की मौत हो गई है। व...
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में साल 2024 में सड़क दुर्घटना के 1156 मामलें पहुंचे हैं। इनमें से 343 की मौत हो गई है। वहीं, साल 2023 में सड़क दुर्घटनाओं से 226 मौतें हुई हैं। साफ है कि सड़क दुर्घटना के मामले बढ़े हैं और इससे होने वाले मौत के आकड़ों में भी इजाफा हुआ है। साल 2023 के मुकाबले 2024 में 117 मौतें ज्यादा हुई हैं। जिला प्रशासन और यातायात पुलिस की तमाम कोशिश के बाद भी दो-पहिया वाहन चालक हेलमेट पहनने को लेकर अब तक जागरूक नहीं हुए हैं। इसी वजह से ज्यादातर दो पहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के ही वाहन का चलाते हैं। सड़क हादसे होने का एक कारण जिले की सड़कों चकाचक होना भी है। इन सड़कों पर दो पहिया के साथ चार पहिया वाहनों की रफ्तार तेज रहती है परिणाम स्वरूप दुर्घटना के मामले बढ़े हैं। इसी तरह शराब सेवन कर लापरवाही पूर्वक कार और दो-पहिया वाहन चलाना भी सड़क दुर्घटना की एक बड़ी वजह है। सिम्स के चिकित्सकों का कहना है कि जब भी सड़क दुर्घटना के मामले आते हैं, चिकित्सक इलाज करने के साथ ही होश में रहने की दशा में मरीज से दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेते हैं। आहतों को पहुंचाने वाले स्वजन से भी दुर्घटना की जानकारी ली जाती है। इससे ही दुर्घटना के संबंध में जानकारी मिलती है। इसी आधार पर चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में वाहन चलाते समय की गई लापरवाही ही जा नलेवा साबित हो रहा है। यदि वाहन चलाते समय लापरवाही के प्रति लोग जागरूक रहें, तो सड़क दुर्घटना के मामलों को कम किया जा सकता है।अस्पताल अधीक्षक डॉ. लखन सिंह का कहना है कि सड़क दुर्घटना रोकने के लिए जागरूक होने की अवश्यकता है। साथ ही वाहन चलाने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना जरूरी है, तभी सड़क दुर्घटनाओं के मामलों को रोका जा सकता है।
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