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किसानों को धान विक्रय के लिए टोकन जारी करने की प्रक्रिया का पालन करने कलेक्टरों को निर्देश

रायपुर, 06 दिसम्बर 2024/ राज्य शासन द्वारा सभी कलेक्टरों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के तहत किसानों को टोकन जारी करने की निर्धा...




रायपुर, 06 दिसम्बर 2024/ राज्य शासन द्वारा सभी कलेक्टरों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के तहत किसानों को टोकन जारी करने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी वितरण संघ के प्रबंध संचालक ने सभी कलेक्टरों को प्रेषित पत्र में टोकन आवेदन समिति मॉड्यूल एवं टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से किए जाने की सुविधा का उल्लेख करते हुए कहा है कि कुल टोकन आवेदन का 40 प्रतिशत समिति मॉड्यूल एवं 60 प्रतिशत एप के माध्यम से किए जाने का प्रावधान है। टोकन आवेदन हेतु रविवार से शुक्रवार तक प्रातः 9.30 बजे सायं 5 बजे तक का समय निर्धारित है। 

किसानों द्वारा आवेदन के दौरान आवश्यक प्रविष्टि करने के उपरांत आवेदन दिनांक से 15 जनवरी 2025 तक रिक्त स्लॉट में धान विक्रय हेतु दिवस का चयन किया जा सकता है। समितियों में, धान विक्रय किये जाने हेतु पंजीकृत रकबा एवं खरीदी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन खरीदी लिमिट भी निर्धारित है, जिसकी जानकारी खाद्य अधिकारी माड्यूल एवं समिति माड्यूल में उपलब्ध है। प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत टोकन तुहर हाथ एप के माध्यम से आवेदित टोकन लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य वही अनुपात निर्धारित है, जो उस समिति में पंजीकृत लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य है। प्रतिदिन खरीदी लिमिट अंतर्गत समिति माड्यल के माध्यम से आवेदित टोकन में लघु, सीमांत कृषक एवं दीर्घ कृषक के मध्य किसी प्रकार कोई अनुपात निर्धारित नहीं किया गया है। 

समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए राज्य में लघु एवं सीमांत कृषकों को 2 टोकन एवं दीर्घ कृषकों 3 टोकन की सुविधा प्रदाय की गई है। लघु सीमांत कृषक अपने दूसरे टोकन में तथा दीर्घ कृषक अपने तीसरे टोकने में उनके द्वारा अधिकतम 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा के अध्याधीन शेष संपूर्ण मात्रा के लिए टोकन ले सकेगा। यदि कृषकों द्वारा अंतिम टोकन में प्रविष्ट की गई धान की मात्रा उपार्जन केन्द्र में निर्धारित खरीदी लिमिट से अधिक होती है, तो उस स्थिति में उक्त उपार्जन केन्द्र में खरीदी लिमिट के 30 प्रतिशत तक का अधिक का उपार्जन किया जा सकेगा।

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