Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

छत्तीसगढ़ के 100 रेशम कृमिपालक किसानों ने महाराष्ट्र के वर्धा में लिया प्रशिक्षण

  कम समय में अधिक आमदनी प्राप्त करने का सीखा गुर राज्य सरकार द्वारा रेशम कृमिपालन को बढ़ावा देने किसानों का कराया अध्ययन भ्रमण रायपुर । राज...

 

कम समय में अधिक आमदनी प्राप्त करने का सीखा गुर

राज्य सरकार द्वारा रेशम कृमिपालन को बढ़ावा देने किसानों का कराया अध्ययन भ्रमण

रायपुर । राज्य सरकार प्रदेश के रेशम किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण एवं निरंतर उन्नति के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसी सिलसिले में प्रदेश के 100 रेशम किसानों का अध्ययन दल महाराष्ट्र के वर्धा में स्थापित रेशम कृषि की उन्नत तकनीक का अध्ययन किया। इन रेशम किसानों को मिट्टी, पौधे, कृमिपालन, कृमिपालन हेतु उपकरण, सिंचाई आदि सहित तकनीकी बारीकियों का प्रशिक्षण दिया गया।

छत्तीसगढ़ के किसान महाराष्ट्र के वर्धा में प्रशिक्षण पश्चात् काफी प्रसन्न मुद्रा में कहा कि वे वर्धा आकर रेशम कृषि पालन के माध्यम से कम समय में अधिक आमदनी प्राप्त करने का गुर सीख लिया है। अब वे छत्तीसगढ़ में भी इन नवीन तकनीकों का प्रयोग कर कृमिपालन व ककून तैयार करेंगे, जिससे उच्च क्वालिटी की सिल्क तैयार कर बाजार में अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकें। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा सिल्क समग्र योजना के रेशम विस्तार के लिए कृषकों का चयन कर उन्हें महाराष्ट्र के वर्धा अध्ययन भ्रमण के लिए भेजा गया था। सिल्क समग्र योजना केन्द्रीय रेशम बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। रेशम किसान मात्र 26 दिनों में ही 66 हजार से एक लाख तक की आय अर्जित कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के चयनित कृषकों को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में सिल्क समग्र से लाभ लेकर उत्पादन कर अधिक आय अर्जित करने वाले कृषकों के कार्यों का अवलोकन कराया गया। इस दौरान कृषकों से चर्चा, उनके द्वारा किये जा रहे प्रगतिशील कार्य, तकनीकी कार्यों हेतु व्यवस्था की जानकारी मिली। इसी प्रकार रेशमकीट पालन के कार्यों हेतु सावधानियां, वैज्ञानिक उपाय, उत्पादन, बाजार व्यवस्था, भुगतान की प्रक्रिया, राशि की प्राप्ति तथा आगामी वर्षों के लिए कार्य योजनाएं एवं इस कार्य में महिलाओं की सहभागिता, आय अर्जन इत्यादि समस्त विषयों पर चर्चाएं की गई।

No comments