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पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कांकेर मुठभेड़ पर उठाए सवाल

  रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के कांकेर में नक्‍सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई पर पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल अपने दिए बयान से पलट गए हैं। पू...

 

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के कांकेर में नक्‍सलियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई पर पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल अपने दिए बयान से पलट गए हैं। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, मैं जवानों को बहुत बधाई देता हूं। वे बहुत बहादुरी से लड़े और बड़ी सफलता हासिल की है। लगातार हमारे शासन काल में नक्सलियों के मांद में घुसकर जो हमला करने की नीति रही है उसका ये परिणाम है। कोई हताहत नहीं हुआ है केवल 3 जवान घायल हुए हैं। 29 नक्सलियों की मौत बड़ी खबर है। इससे पहले पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर नक्‍सली मुठभेड़ पर सवाल उठाए थे। पूर्व सीएम बघेल ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा शासनकाल में नक्सलियों का फर्जी एनकाउंटर होता है। अभी चार महीनों में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है। पुलिस द्वारा बस्तर में भोले भाले आदिवासियों को डराया जाता है। उन्होंने कहा कि कवर्धा जिले में पुलिस द्वारा आदिवासियों को डराया धमकाया जा रहा है और गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के कांकेर में नक्‍सली एनकाउंटर को फर्जी बताए जाने पर सीएम विष्‍णुदेव साय ने कहा, हर चीज में इनको प्रश्न चिन्ह खड़ा नहीं करना चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक को भी उन्होंने काल्पनिक कहा। यह घटना तो उनके ही प्रदेश की है, कैसे सवाल उठा सकते हैं। यह घटना किसी भी तरह से फर्जी है तो उसको प्रमाणित करें। नक्‍सल मुठभेड़ पर पूर्व सीएम बघेल के बयान पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने पलटवार किया है। उन्‍होंने कहा, भूपेश बघेल जी कांकेर के एनकाउंटर को फर्जी बता रहे मैं चैलेंज करता हूं आप साबित करके दिखाइए और नहीं साबित कर सकते तो माफी मांगिए CRPF, BSF, DRG के जवानों से, बस्तर फाइटर्स से और नहीं तो जनता माफ नही करेगी आपको, हर विषय में राजनीति ठीक नहीं। मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने का कहना है, बस्तर के आदिवासी इलाकों में माताएं-बहनें जंगल जाने में असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सड़कें सुरक्षित नहीं हैं और फर्जी मुठभेड़ बढ़ गई है। नकली नक्सली के नाम पर उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जब से ये सरकार आई है, बस्तर के आदिवासी कहीं न कहीं चिंतित और डरे हुए हैं।

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