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PRSU में तीन दिवसीय राष्ट्रीय रसायन सम्मेलन शुरू

  रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रसायन अध्ययनशाला की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। 21वीं राष्ट्रीय ...

 

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रसायन अध्ययनशाला की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। 21वीं राष्ट्रीय सम्मेलन आन सरफेसटेंट, इमालसन एंड बायोकोलाइड का उद्घाटन विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस प्रकार के महत्वपूर्ण सम्मेलनों की बहुत आवश्यकता है।  नवीन अनुसंधानों के निष्कर्षों का उपयोग प्रदेश तथा देश के हित में करना चाहिए। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा तथा नई शिक्षा नीति पर जोर दिया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए पीआएसयू के कुलपति डा. सच्चिदानंद शुक्ल ने बताया कि यह सम्मेलन शोधकर्ताओं के लिए सतह रसायन विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर अद्यतन रहने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने दर्शन के साथ रसायन को जोड़ने पर जोर दिया, यह सम्मेलन ऊर्जा रूपातंरण, उत्प्रेरक, स्वास्थ्य देखभाल, नैनोप्रोद्योगिकी, सामग्री विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण, फार्मास्यूटिकल्स विषयों के अनुसंधान की दिशा में मार्गदर्शन करेगा। इंडियन सोसाइटी आफ सरफेस साइंस एंड टेक्नोलाजी, कोलकाता के अध्यक्ष प्रो. असित बरन मंडल ने सोसाइटी के अनुसंधान एवं विकासात्मक गतिविधियों की जानकारी दी। सोसायटी के सचिव प्रो. सौमेन घोष ने सोसायटी की रिपोर्ट प्रस्तुत किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष तथा रसायन अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो. कल्लोल घोष ने सम्मेलन के उद्देश्य तथा इसमें होने वाले वैचारिक, आदान-प्रदान के लाभ के बारे में बताया। मुख्य वक्ता इंडियन कैमिकल सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. दुलाल चन्द्र मुखर्जी ने कोलाइब विज्ञान के इतिहास तथा प्रयोग के बारे में चर्चा किया। इसमें विशेष रूप से भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के वैज्ञानिक प्रो. पार्थ सारथि मुर्खजी विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रो. अमिय कुमार पाण्डा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पी. वेकेंटश, भाभा परमाणु केन्द्र, मुंबई के वैज्ञानिक डा. पीए हसन, भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान के वैज्ञानिक प्रो. ताराशंकर पाल ने अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान दिया। अन्त में लगभग 50 शोध छात्रों ने पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लिया। तकनीकी सत्र के पश्चात रसायन अध्ययनशाला के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। 

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