Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

ट्रेनों में महिलाओं का बढ़ता आत्मविश्वास है “मेरी सहेली”

   बिलासपुर। ट्रेनों में महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करने लगी हैं। सुरक्षा की भावना व आत्मविश्वास बढ़ रहा है। यह सब “मेरी सहेली” ने किया है। ...

 

 बिलासपुर। ट्रेनों में महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करने लगी हैं। सुरक्षा की भावना व आत्मविश्वास बढ़ रहा है। यह सब “मेरी सहेली” ने किया है। जोन के 13,385 ट्रेनों में 1.5 लाख महिलाओं की सहायता कर हम सभी को गौरवान्वित महसूस कराया है। रेलवे सुरक्षा बल के जवान इस अभियान के लिए 15 अक्टूबर को दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लेंगे।  महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने महिलाओं के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं। ये प्रयास मुख्य रूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। रेलवे सुरक्षा बल ने महिलाओं, विशेष रूप से चयनित लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ "मेरी सहेली", "आपरेशन मातृशक्ति" आदि जैसी कई पहल शुरू की है। 'मेरी सहेली' टीमें लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की ट्रेन यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति पर त्वरित प्रतिक्रिया देकर, प्रारंभिक बिंदु से उनके अंतिम गंतव्य तक सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में मेरी सहेली की 13 टीम कार्यरत है, जो कि 13 अलग-अलग ट्रेनों को कवर करती है।   महिला कांस्टेबल से लेकर महिला सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर शामिल है। इस वर्ष जोन की 13,385 ट्रेनों में लगभग एक लाख 5 हजार अकेली यात्रा कर रहीं महिला यात्रियों को “मेरी सहेली” की टीम ने सहायता पहुंचाई। इसमें बिलासपुर रेल मंडल में 4,772 ट्रेनों में 55,584 महिला यात्री, रायपुर रेल मंडल में 5,351 ट्रेनों में 37,674 महिला यात्री व नागपुर रेल मंडल में 3,262 ट्रेनों में 10,918 महिला यात्री शामिल हैं। वर्तमान में महिला आरपीएफ कर्मियों से युक्त 230 से अधिक समर्पित "मेरी सहेली" टीमों को देश भर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर तैनात किया गया है, जो 400 से अधिक ट्रेनों को कवर करती हैं और हर दिन औसतन चौदह हजार से अधिक महिला यात्रियों को सहायता प्रदान करती हैं। ये टीमें यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने और संकट की स्थिति में सहायता प्राप्त करने के लिए उपलब्ध चैनलों के बारे में जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।आरपीएफ की महिला कर्मी न केवल महिला रेल यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि मुसीबत में महिला यात्रियों की मदद भी करती हैं। आरपीएफ की महिलाकर्मी "आपरेशन मातृशक्ति" के तहत इन महिलाओं की गोपनीयता की रक्षा करते हुए उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक बच्चे के जन्म की सुविधा प्रदान करती हैं। रेलवे में आरपीएफ ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक ट्रेनों या रेलवे परिसरों में प्रसव के 130 ऐसे मामलों में सहायता प्रदान की है। 

No comments