Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों को लेकर रास में जताई गई चिंता

 नयी दिल्ली: स्वास्थ्य र्किमयों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम के एक सदस्य ने राज्यसभा में कहा कि अ...

 नयी दिल्ली: स्वास्थ्य र्किमयों पर हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम के एक सदस्य ने राज्यसभा में कहा कि अपनी जान जोखिम में डाल कर, निस्वार्थ सेवाएं देने वालों पर ऐसे हमले रोकने के लिए कानून में कड़े प्रावधान किए जाने चाहिए। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने कहा कि भारतीय चिकित्सा संघ (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के एक सर्वे में बताया गया है कि करीब 70 फीसदी स्वास्थ्य र्किमयों को कभी न कभी हिंसा का सामना करना पड़ा है और ज्यादातर मामलों में यह हिंसा मरीजों के परिजन की ओर से की गई। उन्होंने कहा ‘‘स्वास्थ्य कर्मी निस्वार्थ हो कर काम करते हैं। कोविड काल में हमने देखा कि किस तरह स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी। इन स्वास्थ्य कर्मियों में डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े अन्य लोग आते हैं जो सम्मान और सुरक्षा के हकदार हैं।’’ शिवा ने कहा कि स्वास्थ्य र्किमयों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं जो चिंताजनक हैं। उन्होंने मांग की कि अस्पतालों में उनकी सुरक्षा के लिए अनुकूल माहौल होना चाहिए, वहां सीसीटीवी कैमरों का इंतजाम होना चाहिए और साथ ही जागरुकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए ताकि स्वास्थ्य र्किमयों के खिलाफ किसी तरह की हिंसा न हो। उन्होंने कहा ‘‘जरूरत होने पर कानून में आवश्यक संशोधन भी किया जाए और कठोर प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए।’’ शून्यकाल में ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की डॉ फौजिया खान ने वायु गुणवत्ता से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिमी हवाएं अपने साथ प्रदूषक ले कर आती हैं जो सांस के साथ अंदर जाते हैं।

No comments