Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

दो साल से बच्चे को 20 से ज्यादा कुत्तों के साथ बंद रखा

पुणे।  महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक दंपती पर इसलिए केस दर्ज किया है, क्योंकि वे अपने 11 साल के...


पुणे।  महाराष्ट्र के पुणे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक दंपती पर इसलिए केस दर्ज किया है, क्योंकि वे अपने 11 साल के बच्चे को कथित तौर पर अपार्टमेंट के कमरे में 22 आवारा कुत्तों के साथ बंद रख रहे थे। यह केस पुणे के कोंधवा पुलिस स्टेशन में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत दर्ज हुआ है। पुलिस ने कहा कि बच्चे की स्थिति के बारे में स्थानीय लोगों को जानकारी थी। इसके बाद पड़ोसियों ने एक एनजीओ- दन्यान देवी चाइल्ड हेल्पलाइन पर मदद मांगी। यहीं से पुलिस को पूरे मामले का पता चला। चाइल्ड हेल्पलाइन से जुड़ीं अनुराधा सहस्रबुद्धे के मुताबिक, हमें एक मुखबिर से जानकारी मिली थी कि एक लड़के को कोंधवा में अपार्टमेंट में बंद रखा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बच्चे को अपार्टमेंट की खिड़की से देखा था और वह मानसिक रूप से परेशान दिखता था।
सहस्रबुद्धे ने बताया कि एनजीओ के कार्यकर्ता उस अपार्टमेंट में पहुंचे तो वह बाहर से बंद मिला। लेकिन बच्चा और कुत्ते अंदर ही थे। इस अपार्टमेंट में कुत्तों के कंकाल भी मिले। यहां तक कि कमरों के अंदर से कुत्तों का मल भी साफ नहीं किया गया था। बच्चे को काफी बुरे हालात में रखा जा रहा था। एनजीओ के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि इस मामले में उन्हें ज्यादा पुलिस से सहयोग नहीं मिला। कोंधवा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए थे कि वे दरवाजा तोड़कर बच्चे को निकाल लें। लेकिन पुलिसवाले ऐसा करने से बचते रहे। सहस्रबुद्धे ने बताया- हमारे कार्यकर्ताओं ने बच्चे के माता-पिता से बात की और बार-बार पुलिस से उसे छुड़ाने में मदद की मांग की। हमने बच्चे को छुड़ा भी लिया। लेकिन पुलिस शिकायत नहीं दर्ज करना चाहती थी। जब हमने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस मामले की जानकारी दी, तब पुलिस ने केस दर्ज किया। अधिकारियों के मुताबिक, लड़के को दो साल से कुत्तों के साथ रखा जा रहा था। इससे उसके मानसिक विकास पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह भी सामने आया कि उसने कुत्तों की तरह ही बर्ताव शुरू कर दिया था, जिसके कारण उसका स्कूल जाना भी बंद करा दिया गया। ऐसे में एनजीओ ने बच्चे के इलाज के साथ उसकी काउंसलिंग कराने की भी मांग की है। एनजीओ के अधिकारी ने बताया कि बच्चे के पिता एक दुकान चलाते हैं और उसकी मां ग्रैजुएट है। उनका कहना है कि वे कुत्तों से प्यार करते हैं, इसीलिए इन जानवरों को अपने घर में रख रहे थे।

No comments