नई दिल्ली। 15 साल से बिस्तर पर लेटे एक मरीज का दिल्ली के डॉक्टरों ने करीब 19 महीने तक इलाज करने के बाद उसे चलने-फिरने लायक बना दिया है। अब ...
नई दिल्ली। 15 साल से बिस्तर पर लेटे एक मरीज का दिल्ली के डॉक्टरों ने करीब 19 महीने तक इलाज करने के बाद उसे चलने-फिरने लायक बना दिया है। अब वह अपने पैरों पर खड़ा होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। यह कहानी दिल्ली निवासी 37 वर्षीय दिनेश कुमार की है, जो बीते 15 साल से जोड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। उसकी पहले से ही घुटनों और कूल्हे की सर्जरी हो चुकी थी, लेकिन उसके बाद भी वह लंबे समय तक बिस्तर पर रहा। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज के बाएं घुटने के जोड़ में दर्द, सूजन और अपंगता थी। खड़े होने और चलने से समस्या विकराल हो जाती थी। इस हालत में जब उसे द्वारका स्थित आकाश अस्पताल लाया गया तो यहां जांच में सोरियाटिक आथ्र्रोपैथी और बाएं घुटने में सेकेंडरी ऑस्टियोआर्थराइटिस नामक बीमारी का पता चला। यह एक ऐसी समस्या होती है जिसमें अनियंत्रित सोरायसिस जोड़ों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. आशीष चौधरी ने बताया कि इलाज के दौरान मरीज के कूल्हे. जोड़ के साथ-साथ जॉइंट करेक्शन यानी संयुक्त सुधार भी शुरू किया। पहले एक कूल्हे और एक घुटने की तरफ काम किया फिर रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया पूरी हुई। एक बार जब वह ठीक हो गया तो दूसरी ओर के कूल्हे के जोड़ का ऑपरेशन किया। घुटने के जोड़ों में पुराने संक्रमित घुटने के इम्प्लांट थे। उन्हें हटाने के बाद एक विशेष कस्टमाइज्ड इम्प्लांट-आधारित घुटने के रिप्लेसमेंट किया। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 19 महीने का वक्त लगा। इसके बाद दिनेश अपने पैरों पर फिर से खड़ा हो सका।
No comments